पाकिस्तान के सेना प्रमुख का विवादास्पद बयान: कश्मीर को बताया 'गले की नस'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख का नया बयान
Pakistan Army Chief: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में भारत के खिलाफ एक बार फिर तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया है। इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की "गले की नस" करार देते हुए भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मुनीर का यह बयान न केवल भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ाने वाला है, बल्कि यह पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने का एक प्रयास भी हो सकता है। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ते आतंकवादी हमलों और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कश्मीर का मुद्दा हमेशा से एक भावनात्मक हथियार रहा है।
कश्मीर पर मुनीर का पुराना राग
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में नौसेना की पासिंग आउट परेड में कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाया। उन्होंने कहा, "कश्मीर हमारी जुगुलर वेन (गले की नस) है और यह हमेशा रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।" इसके साथ ही उन्होंने भारत पर क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, बिना किसी ठोस सबूत के। मुनीर ने कश्मीर में आतंकवाद को "कश्मीरी भाइयों की कुर्बानी" का नाम देकर इसे वैध ठहराने का प्रयास किया और कहा, हमें अपने कश्मीरी भाइयों की कुर्बानी को याद रखना चाहिए जो भारत के अवैध कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
भारत का सख्त जवाब
भारत ने मुनीर के बयानों का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसकी संवैधानिक स्थिति 5 अगस्त 2019 को और स्पष्ट हो चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, "पाकिस्तान को PoK को खाली करना होगा। कश्मीर भारत का है और रहेगा।" भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को मिलने वाली सैन्य और आर्थिक सहायता की निंदा की है।
टू-नेशन थ्योरी का जिक्र
मुनीर ने अपने भाषण में टू-नेशन थ्योरी को फिर से हवा दी, जिसके आधार पर 1947 में भारत का बंटवारा हुआ था। उन्होंने कहा, "हम हिंदुओं से पूरी तरह अलग हैं। हमारी संस्कृति, इतिहास और सोच सब कुछ अलग है।" यह बयान न केवल भारत के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देता है, बल्कि पाकिस्तान की जनता को धार्मिक आधार पर एकजुट करने का प्रयास भी है। जबकि बांग्लादेश के अलगाव ने इस थ्योरी की विफलता को साबित कर दिया था।