पाकिस्तान को एससीओ में मिली आतंकवाद निरोधक अध्यक्षता, भारत ने उठाई आपत्ति
पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में रिजनल एंटी टेरर स्ट्रक्चर का अध्यक्ष बनाया गया है, जिससे भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की है। यह नियुक्ति एससीओ की प्रक्रियाओं के तहत हुई है, जबकि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसका प्रभाव क्या हो सकता है।
Sep 11, 2025, 17:09 IST
पाकिस्तान की नई जिम्मेदारी
आपको प्रसिद्ध फिल्म 'शोले' याद होगी। जब जय और वीरू जेल में होते हैं, तो हरि राम नाई उनकी भागने की योजना सुन लेता है और इसे जेलर को बता देता है। यह चरित्र आज भी समाज में गपशप करने वाले के रूप में जाना जाता है। चीन भले ही पाकिस्तान को अपना मित्र मानता हो, लेकिन वास्तव में वह उसके लिए एक सेवक से अधिक नहीं है। हाल ही में एससीओ समिट में, जहां पुतिन के पीछे-पीछे चलने वाले चीन के खबरी पाकिस्तान के बारे में एक दिलचस्प खबर आई है। एससीओ ने पाकिस्तान को रिजनल एंटी टेरर स्ट्रक्चर का अध्यक्ष बना दिया है। इसका मतलब यह है कि अब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ काम करेगा। यह सुनकर पाकिस्तान के लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान को 2025-26 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थायी इकाई रिजनल एंटी टेरर स्ट्रक्चर (आरएटीएस) की अध्यक्षता सौंपी गई है। पाक विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह नियुक्ति एससीओ की हालिया प्रक्रियाओं के तहत हुई है।
चीन का मजाक और पाकिस्तान की स्थिति
बिल्ली को दूध की रखवाली दे चीन ने ले लिए मजे
यह ध्यान देने योग्य है कि एससीओ के भीतर यह एक स्थायी संस्था है, जिसका मुख्यालय ताशकंद, उज्बेकिस्तान में है। यह संस्था आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ एक समन्वय के लिए कानूनी और नियामक ढांचे पर काम करती है। यदि हम इसे देखें, तो चीन ने पाकिस्तान के साथ मजे ले लिए हैं। यदि पाकिस्तान से आतंकवादी चले गए, तो उसके पास क्या बचेगा और वह आतंक का निर्यात कैसे कर पाएगा? यह प्रेम चोपड़ा के प्रसिद्ध संवाद 'नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या' की तरह हो गया है। एक ओर, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की लीडर्स समिट के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी हर प्रकार के आतंकवाद का मुद्दा उठा रहे हैं। दूसरी ओर, आतंक के पर्याय को ही इसकी आतंकवाद निरोधक इकाई का प्रमुख बना देना किसी मजाक से कम नहीं है।
यूएन में मिली जिम्मेदारी
यूएन की समितियों में मिली अहम जिम्मेदारी
इससे पहले, जून में पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी समिति में स्थान मिला था। उसे तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसके अलावा, पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। यूएन की समितियों में ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के बाद पाकिस्तान को एससीओ में इस तरह की जिम्मेदारी मिलना भारत के लिए थोड़ी निराशा का कारण है। यह तब है जब भारत पाकिस्तान समर्थित सीमापार आतंकवाद के खिलाफ हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज उठा चुका है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने जताया विरोध
दिलचस्प बात यह है कि भारत ने रैट्स परिषद में आतंकवाद के खिलाफ सख्त आवाज उठाई है। भारत के प्रतिनिधि, डिप्टी नैशनल सेक्योरिटी एडवाइजर टीवी रविचंद्रन ने कहा कि पहलगाम हमले के प्रायोजकों और फंडिंग करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। आतंकवाद के प्रति अब ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवादी समूहों को शरण देने वालों पर कार्रवाई आवश्यक है।