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पाकिस्तान को यूएनएससी में बड़ा झटका, आतंकवाद समितियों की अध्यक्षता से वंचित

पाकिस्तान को हाल ही में यूएनएससी में आतंकवाद से जुड़ी समितियों की अध्यक्षता से वंचित कर दिया गया है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। इस निर्णय के पीछे अन्य देशों की नाराजगी और पाकिस्तान के जिद्दी रवैये का हाथ है। जानें इस मामले में और क्या हुआ और पाकिस्तान की सरकार को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
 

पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय आलोचना

पाकिस्तान को हाल ही में पहलगाम हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। अब, पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बड़ा झटका लगा है। आतंकवाद से संबंधित चार महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता करने की पाकिस्तान की मांग को अन्य सदस्य देशों ने ठुकरा दिया है।


सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को केवल तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता और आतंकवाद निरोधक समिति (सीटीसी) की उपाध्यक्षता दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की मांगों के कारण यूएनएससी में आम सहमति नहीं बन पाई, जिससे यूएन समितियों के विभाजन में लगभग पांच महीने की देरी हुई। यह प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी होनी थी।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य पाकिस्तान की मांगों से नाराज हैं। अन्य देशों ने पाकिस्तान के रवैये को जिद्दी और अनुचित बताया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएनएससी के सभी पांच स्थायी सदस्य - चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका - नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान किसी भी समिति की अध्यक्षता करे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को दिया गया सीटीसी का उपाध्यक्ष का पद केवल नाम का है और इसमें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं है।