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पाकिस्तान ने अमेरिका के TRF को आतंकवादी संगठन घोषित करने पर दी प्रतिक्रिया

अमेरिका द्वारा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद, पाकिस्तान ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय संप्रभु है और पाकिस्तान को इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच संबंधों से इनकार किया और कहा कि यदि अमेरिका के पास सबूत हैं, तो पाकिस्तान उनका स्वागत करेगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

पाकिस्तान की सफाई

अमेरिका द्वारा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद, पाकिस्तान ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय पूरी तरह से उसके संप्रभु अधिकार के तहत है और पाकिस्तान को इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका के पास TRF की आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित कोई सबूत हैं, तो पाकिस्तान उनका स्वागत करेगा।


डार का बयान

इशाक डार ने यह बयान वाशिंगटन डीसी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया। इसके साथ ही, उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी मुलाकात की। डार ने कहा, "अगर अमेरिका के पास TRF की संलिप्तता के सबूत हैं, तो हम उन्हें गंभीरता से लेंगे। हमें TRF को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता देने पर कोई आपत्ति नहीं है।"


TRF और लश्कर के संबंधों का खंडन

पाकिस्तान ने TRF को लेकर अपनी चिंताओं को और बढ़ाते हुए, डार ने TRF और प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान में पहले ही समाप्त कर दिया गया है और इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई थी। डार ने यह भी दावा किया कि संबंधित व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया और सजा भी दी गई।


UNSC में TRF का नाम हटाने की कोशिश

इशाक डार ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के उस बयान में TRF का नाम हटाने का प्रयास किया था, जो पाहलगाम आतंकी हमले की निंदा में जारी किया गया था। उन्होंने कहा, "हमें दुनियाभर की राजधानियों से फोन आए लेकिन हमने TRF का नाम हटाने की मांग की और पाकिस्तान की बात मानी गई।"


भारत की पहले की कार्रवाई

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत सरकार ने जनवरी 2023 में TRF को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, TRF की स्थापना 2019 में सोशल मीडिया पर हुई थी और तब से यह संगठन जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।


भारत द्वारा सबूतों की पेशकश

इन हमलों में श्रीनगर में ग्रेनेड हमला शामिल है, जिसमें सात नागरिक घायल हुए थे, और 2021 की हत्याएं भी शामिल हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति में TRF को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए कई बार दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। यह मामला भारत-पाक संबंधों और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जिसमें TRF की भूमिका और पाकिस्तान का रुख आने वाले दिनों में कई सवालों के घेरे में रहेगा।