पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर की अपनी असफलताओं का स्वीकार
बिलावल भुट्टो का बयान
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि उनके देश ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर कश्मीर के मुद्दे पर कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के संदर्भ में सामने आने वाली बाधाएं अभी भी बरकरार हैं।
बिलावल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और राजनयिकों के साथ उनकी चर्चाओं में आतंकवाद और जल संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन यह कश्मीर तक नहीं पहुंची। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष ने एक फलस्तीनी पत्रकार द्वारा कश्मीर और गाजा की तुलना करने के प्रयास को खारिज किया, जिसे कुछ पाकिस्तानियों ने भी अपनाया है।
उन्होंने स्पष्ट किया, 'मैं यह कहना चाहता हूं कि फलस्तीनियों की स्थिति और कश्मीर की स्थिति के बीच कोई सार्थक तुलना नहीं की जा सकती।' उन्होंने कहा, 'गाजा में जो हो रहा है, वह सभी दृष्टियों से अत्यंत अपमानजनक और अमानवीय है।'
हालांकि, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत इजरायल से प्रेरणा ले रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे उनके स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बिलावल के प्रतिनिधिमंडल का गठन इस्लामाबाद ने उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के आधार पर किया है, जो भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए हमले के बाद की स्थिति पर आधारित है।