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पाकिस्तान ने चीन के जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की खबरों को किया खारिज

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चीन के जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे मीडिया की अटकलें बताया, जो केवल चीन के रक्षा सौदों को बढ़ावा देने के लिए हैं। इस बयान के बाद, कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स पर सवाल उठने लगे हैं। जानें इस मामले में क्या है सच्चाई और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का क्या असर पड़ सकता है।
 

पाकिस्तान का रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान

चीन जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चीन के उन्नत जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट की खरीद को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने इस खरीद की खबरों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ये केवल मीडिया की अटकलें हैं, जिनका उद्देश्य चीन के रक्षा सौदों को बढ़ावा देना है।


 


यह ध्यान देने योग्य है कि ब्लूमबर्ग और अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जून 2025 में बताया था कि पाकिस्तान जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट का पहला विदेशी ग्राहक बनने वाला है। लेकिन रक्षा मंत्री के बयान के बाद, ये दावे गलत साबित होते नजर आ रहे हैं, या फिर पाकिस्तान एक बार फिर से दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।


 


जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट का निर्माण चीन की शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है। यह अत्याधुनिक तकनीक और रडार को चकमा देने की क्षमता से लैस है। पाकिस्तान द्वारा इसे खरीदने की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में अचानक 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।


पाकिस्तान का रुख और मीडिया की भूमिका

चीन के फाइटर जेट पर पाकिस्तान का क्या कहना है?


रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अरब न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि, "हम इन्हें नहीं खरीद रहे हैं।" उन्होंने मीडिया में चल रही खबरों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह केवल मीडिया की बात है और यह चीनी रक्षा बिक्री के लिए एक अच्छा प्रचार है।


 


रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इन विमानों को पीएल-17 लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया गया है और अगस्त 2025 तक पाकिस्तान को इनकी डिलीवरी मिल सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तानी पायलटों को चीन में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। चीन इन विमानों की डील पर 50 प्रतिशत की छूट देने को भी तैयार है।



पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और चीन की रणनीति

क्या यह चीन और पाकिस्तान की नई रणनीति है?


पाकिस्तान वर्तमान में आईएमएफ की कड़ी आर्थिक निगरानी में है। ऐसे में अरबों डॉलर के फाइटर जेट की खरीद उसके वित्तीय अनुशासन पर सवाल खड़े कर सकती है। इसी कारण से, फाइटर जेट खरीदने की खबरों को खारिज कर पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वह जिम्मेदार आर्थिक नीति अपना रहा है, ताकि उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलता रहे।


 


इसके अलावा, कई विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह चीन की सोची-समझी चाल थी, जिसमें मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान को खरीदार के रूप में पेश कर जे-35ए का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार किया गया। इस तरह मिस्र और अल्जीरिया जैसे देशों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की गई। हालांकि, चीन की तरफ से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं किया गया है।