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पाकिस्तान ने बनाई नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड, चीन से मिली प्रेरणा

पाकिस्तान ने अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड की स्थापना की है, जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से प्रेरित है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घोषणा के दौरान कहा कि यह फोर्स दुश्मनों को हर दिशा से निशाना बनाने में सक्षम होगी। यह कदम भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच आया है, खासकर सिंधु जल संधि को लेकर। जानें इस नई फोर्स की विशेषताएँ और भारत-पाक संबंधों पर इसका प्रभाव।
 

पाकिस्तान की नई सैन्य पहल

पाकिस्तान ने अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक नई इकाई 'आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड' की स्थापना की घोषणा की है। यह घोषणा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की। यह नई फोर्स अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी और हर दिशा से दुश्मनों को निशाना बनाने में सक्षम होगी। यह कदम चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स से प्रेरित माना जा रहा है।


सैन्य कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

इस अवसर पर आयोजित समारोह में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, तीनों सेना प्रमुख और कई राष्ट्रीय एवं विदेशी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में शरीफ ने कहा कि 'यह फोर्स हमारी पारंपरिक युद्ध क्षमताओं को और मजबूत करेगी।' हालांकि, उन्होंने इस फोर्स की कार्यप्रणाली और संचालन के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी।


चीन से प्रेरित रॉकेट फोर्स कमांड

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान की नई रॉकेट फोर्स कमांड चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स के मॉडल पर आधारित है, जो अपनी लंबी दूरी की मारक क्षमता और सटीक निशानेबाजी के लिए जानी जाती है। पाकिस्तान ने इसी तर्ज पर अपनी नई कमांड स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिससे उसकी रक्षा क्षमताओं में वृद्धि हो सके।


भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव

शहबाज शरीफ का यह ऐलान उस समय आया है जब उन्होंने हाल ही में कहा था कि 'दुश्मन' पाकिस्तान का एक बूंद पानी भी नहीं छीन सकता। यह बयान भारत के साथ सिंधु जल संधि को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आया है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए थे, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल था।


ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य टकराव

पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। चार दिन तक चले इस सैन्य टकराव का अंत 10 मई को हुआ, जब दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति बनाई। इस घटनाक्रम ने भारत-पाक संबंधों में फिर से तनाव को बढ़ा दिया।