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पाकिस्तान में आतंकियों का नया ठिकाना: ऑपरेशन सिंदूर के बाद का हालात

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के बीच भय का माहौल है। भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया है, जिसके चलते जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन नए ठिकाने खोजने के लिए मजबूर हो गए हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, ये संगठन अब खैबर पख्तूनख्वा में अपने नेटवर्क को स्थापित कर रहे हैं, जहाँ उन्हें पाकिस्तानी सरकार का समर्थन भी मिल रहा है। इस लेख में हम इन गतिविधियों और उनके पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे।
 

पाकिस्तान में आतंकियों का नया ठिकाना

Pakistan Terrorist Hideout: ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकवादियों के बीच भय का माहौल उत्पन्न हो गया है। भारतीय सुरक्षा बलों ने इस अभियान में आतंकवादी शिविरों और भर्ती केंद्रों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। इस कारण, आतंकवादी संगठन अपने पुराने ठिकानों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे समूह अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नए ठिकाने खोज रहे हैं। यह वही क्षेत्र है जिसे अफगानिस्तान युद्ध के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उपयोग किया था.


सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भारत की एयर स्ट्राइक और ड्रोन हमलों ने आतंकवादियों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। अब PoK उनके लिए सुरक्षित नहीं रह गया है, इसलिए वे मजबूरी में खैबर पख्तूनख्वा की ओर बढ़ रहे हैं। यहाँ उन्हें पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का सीधा समर्थन मिल रहा है, जिससे वे नए कैंप और भर्ती केंद्र स्थापित कर सकें.


टेरर ग्रुप्स PoK छोड़ यहां बना रहे ठिकाना

पहले आतंकवादी संगठन PoK में ही प्रशिक्षण शिविर और भर्ती रैलियाँ आयोजित करते थे। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने इन ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इसी कारण अब जैश और हिज्बुल अपने नेटवर्क को खैबर पख्तूनख्वा में स्थानांतरित कर रहे हैं.


ऑपरेशन सिंदूर से दहशत में आतंकी आका

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी पुलिस और सेना इन आतंकवादियों की खुलकर सहायता कर रही है। यहाँ तक कि जैश-ए-मोहम्मद की सभाओं को पुलिस सुरक्षा भी प्रदान की जा रही है। 14 सितंबर को मानसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह में एक भर्ती रैली आयोजित की गई, जिसमें वांटेड आतंकवादी मुफ्ती मसूद इलियास कश्मीरी ने भाग लिया.


ओसामा बिन लादेन की कर रहे तारीफ

इलियास कश्मीरी के भाषण का विश्लेषण यह दर्शाता है कि जैश अब अल-कायदा के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। उसने सार्वजनिक रूप से ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा की। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना प्रमुख पर यह आरोप भी लगाया गया कि उसने सैन्य अधिकारियों को आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने का आदेश दिया था.


आतंकी संगठनों ने ऐसे बदला प्लान

जैश-ए-मोहम्मद 25 सितंबर को पेशावर में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है। यह आयोजन मसूद अजहर के भाई यूसुफ अजहर की याद में होगा, जो ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था। वहीं, हिज्बुल मुजाहिदीन 'HM 313' नामक नया प्रशिक्षण केंद्र खैबर पख्तूनख्वा में स्थापित कर रहा है.


PoK छोड़ खैबर पख्तूनख्वा में बना रहे ठिकाना

सूत्रों के अनुसार, यह प्रशिक्षण केंद्र पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान के नेतृत्व में स्थापित किया जा रहा है। बांदा क्षेत्र में इसके लिए भूमि भी खरीदी जा चुकी है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद निर्माण कार्य तेजी से बढ़ रहा है। इन गतिविधियों से स्पष्ट है कि आतंकवादी संगठन भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के बजाय नए ठिकाने बना रहे हैं, और इसमें उन्हें पाकिस्तान सरकार का सीधा सहयोग मिल रहा है.