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पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की मौत, भारत पर आरोप

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हुए। इस हमले का आरोप भारत पर लगाया गया है, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज किया है। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न की हैं। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा के बारे में।
 

पाकिस्तान में आत्मघाती हमला

शनिवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की जान चली गई और 10 अन्य घायल हुए। इस घटना में 19 नागरिक भी प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान ने इस हमले का आरोप भारत पर लगाया है, जबकि भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है।


भारत का आरोपों से इनकार

भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी सेना के आरोपों की निंदा करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा, 'हमने 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश करने वाले पाकिस्तानी सेना के बयान को देखा है। हम इस बयान को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं।'


हमले का विवरण

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन को एक सैन्य काफिले में घुसा दिया। यह घटना पाकिस्तान के आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ती हिंसा का एक और उदाहरण है।


इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर समूह की आत्मघाती इकाई ने ली है, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़ा हुआ है। यह घटना उत्तरी वजीरिस्तान में हाल के महीनों में सबसे घातक मानी जा रही है, जिसने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न की हैं।


पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा

2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से, पाकिस्तान ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में हमलों में वृद्धि देखी है। इस्लामाबाद ने अक्सर अफगानिस्तान के तालिबान पर इन सीमा पार हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, जिसे काबुल ने हमेशा नकारा है।


एएफपी के अनुसार, इस वर्ष अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सरकार विरोधी समूहों के हमलों में लगभग 290 लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं।


वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 में पाकिस्तान दूसरे स्थान पर है, जहां आतंकवाद से संबंधित मौतें पिछले वर्ष की तुलना में 45 प्रतिशत बढ़कर 1,081 हो गई हैं। यह आंकड़े पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को दर्शाते हैं।