×

पाकिस्तान में टीटीपी के हमले में 11 सैनिकों की मौत, सेना ने की जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान के कुर्रम जिले में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमले में 11 सैनिकों की जान चली गई। इस मुठभेड़ में टीटीपी के 19 लड़ाके भी मारे गए। पाकिस्तान सेना ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमलावरों को भारत का समर्थन मिल रहा है। सेना ने टीटीपी को खत्म करने का संकल्प लिया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सेना की कार्रवाई के बारे में।
 

पाकिस्तान में टीटीपी का हमला

पाकिस्तान में एक गंभीर घटना में, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमले में मंगलवार रात 11 पाकिस्तानी सैनिकों की जान चली गई। इनमें दो अधिकारी और नौ जवान शामिल हैं। यह मुठभेड़ कुर्रम जिले में हुई, जहां पाकिस्तान सेना और आतंकवादियों के बीच संघर्ष हुआ। इस दौरान टीटीपी के लगभग 19 लड़ाके भी मारे गए।



रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान सेना टीटीपी के खिलाफ एक ऑपरेशन चला रही थी, जब हमलावरों ने सैनिकों की गाड़ियों पर बम फेंके और गोलीबारी की। इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए टीटीपी ने कहा कि उनके लड़ाकों ने सेना के काफिले को निशाना बनाया। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग ISPR ने आरोप लगाया है कि हमलावरों को भारत का समर्थन प्राप्त है।


सेना ने स्पष्ट किया है कि वह टीटीपी को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। टीटीपी को सेना द्वारा 'फितना अल ख्वारिज' कहा जाता है, जिसका अर्थ है उपद्रवी चरमपंथी। यह संगठन 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद द्वारा स्थापित किया गया था, जब कई लड़ाके अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद पाकिस्तान के कबायली क्षेत्रों में छिप गए थे।


टीटीपी पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ है और इसमें कई पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि टीटीपी के पास परमाणु हथियारों तक पहुंच हो सकती है। हाल ही में, पाकिस्तान सेना ने टीटीपी के ठिकानों पर वायु हमले किए थे। 21 सितंबर को चीन के J-17 विमान से तिराह घाटी में बमबारी की गई थी, जिसमें लगभग 30 लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।


सेना ने कहा कि उनका लक्ष्य टीटीपी के बम बनाने वाले ठिकानों और कमांडरों, जैसे अमान गुल और मसूद खान, को निशाना बनाना था, जो बम मस्जिदों में छिपा रहे थे।