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पाकिस्तान में दो कार बम धमाके: 8 की मौत, 23 घायल

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाल ही में हुए दो कार बम धमाकों ने 8 लोगों की जान ले ली और 23 अन्य घायल हुए। पहले धमाके में एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षा काफिले को निशाना बनाया, जबकि दूसरे धमाके का स्थान चमन था। इन हमलों के पीछे पाकिस्तानी तालिबान और बलूच अलगाववादियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। बलूचिस्तान में आतंकवाद की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे सुरक्षा बलों और नागरिकों के लिए खतरा बढ़ गया है।
 

पाकिस्तान में बम धमाकों की श्रृंखला

पाकिस्तान में बम धमाके: दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में कुछ घंटों के भीतर दो कार बम विस्फोट हुए, जिनमें कम से कम 8 लोगों की जान गई और 23 अन्य घायल हुए। पहला धमाका बलूचिस्तान प्रांत के तुर्बत जिले में हुआ, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षा काफिले की गाड़ी से टकरा दिया। इसके बाद, चमन में अफगान सीमा के निकट दूसरा धमाका हुआ।


तुर्बत में आत्मघाती हमले का विवरण

पुलिस अधिकारी इलाही बख्श ने बताया कि तुर्बत में हुए हमले में 2 सुरक्षाकर्मी मारे गए और 23 लोग घायल हुए। यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षा काफिला गश्त पर था। उन्होंने कहा, "सभी घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया है। घटनास्थल पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।"


चमन में हुए दूसरे धमाके की जानकारी

सरकारी प्रशासक इम्तियाज अली ने बताया कि चमन में हुए दूसरे धमाके में 6 लोगों की मौत हुई। हालांकि, किसी भी संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यह माना जा रहा है कि पाकिस्तानी तालिबान और बलूच अलगाववादी इस हमले के पीछे हो सकते हैं। ये समूह अक्सर बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं।


बलूचिस्तान में आतंकवाद की समस्या

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हाल के वर्षों में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है। ये क्षेत्र अफगानिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं, जिससे सुरक्षा की चुनौतियाँ और बढ़ जाती हैं।


रिपोर्टों के अनुसार, जून में पाकिस्तान में 78 आतंकवादी हमले हुए थे। बलूचिस्तान पिछले 20 वर्षों से अशांति का सामना कर रहा है। स्थानीय बलूच समूहों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार प्रांत की खनिज संपदा का शोषण कर रही है।


हाल के ऑपरेशन में आतंकियों का सफाया

हाल ही में बलूच विद्रोहियों ने कई घातक हमले किए। खैबर पख्तूनख्वा में एक ऑपरेशन के दौरान 45 आतंकियों को मार गिराया गया, जबकि 19 सैनिक शहीद हुए। मारे गए आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े थे।