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पाकिस्तान में पत्रकारों पर पुलिस का हमला, गृह मंत्री ने की जांच का आदेश

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में प्रेस क्लब पर पुलिस की छापामारी के दौरान पत्रकारों पर हमला हुआ। यह घटना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पुलिस की कार्रवाई को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। गृह राज्य मंत्री ने पत्रकारों से माफी भी मांगी।
 

पुलिस की छापेमारी और पत्रकारों पर हमला

पाकिस्तान में एक गंभीर घटना में, गुरुवार को इस्लामाबाद के प्रेस क्लब में पुलिस ने अचानक छापामारी की। इस दौरान वहां प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों और नागरिकों पर हमला किया गया। यह प्रदर्शन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हो रहे अत्याचारों और इंटरनेट बंदी के खिलाफ था। इस घटना की व्यापक निंदा की गई है।



गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की जांच के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इस घटना से संबंधित कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें पुलिस को पत्रकारों पर लाठियां बरसाते हुए देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह सब तब हुआ जब पुलिस PoK की स्थिति को लेकर प्रेस क्लब के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने आई थी।


इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। कुछ प्रदर्शनकारी प्रेस क्लब के अंदर भाग गए, जिसके बाद पुलिस भी उनके पीछे अंदर गई और वहां लाठी चार्ज शुरू कर दिया। जब पत्रकारों ने इस घटना को रिकॉर्ड करने की कोशिश की, तो उन्हें भी पीटा गया।


सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे प्रेस क्लब की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। गृह मंत्री नकवी ने कहा कि पत्रकारों पर हिंसा को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने प्रेस क्लब जाकर पत्रकारों से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ बदसलूकी की थी, जिसके चलते यह घटना हुई।