पाकिस्तान में बलूचिस्तान के अधिकारों के लिए लंबा मार्च शुरू होगा
बलूचिस्तान में अधिकारों का हनन
पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान में अपने नियंत्रण को बनाए रखने के लिए बलूच समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। इस मुद्दे पर जमात-ए-इस्लामी के नेता हाफिज नईमुर रहमान ने 'Give Rights to Balochistan' नामक एक लंबा मार्च आयोजित करने की घोषणा की है। यह मार्च 25 जुलाई को क्वेटा से आरंभ होगा और इसका समापन इस्लामाबाद में होगा, जो कि लगभग 892 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों की मांग
यह मार्च बलूचिस्तान के निवासियों के अधिकारों और न्याय की मांग के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिसमें संसाधनों के शोषण को समाप्त करने और लापता व्यक्तियों के मामलों का समाधान शामिल है। इस मार्च में बलूचिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। हाफिज नईमुर रहमान ने बताया कि उनकी पार्टी देशभर में चीनी माफिया और महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। लोग सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से निराश हो चुके हैं, जबकि सत्ता पक्ष बलूच लोगों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की आलोचना
हाफिज नईमुर रहमान ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब निजी लाभ की बात आती है, तो सभी नेता एकजुट होकर अपनी सैलरी में 300 प्रतिशत की वृद्धि करवा लेते हैं। इन नेताओं को आम जनता की कोई परवाह नहीं है। पाकिस्तान की स्थिति पहले से भी अधिक खराब हो गई है, विशेषकर बलूचिस्तान में, जहां बलूच लोगों का लगातार शोषण हो रहा है। हाल ही में बलूचिस्तान से कई महिलाओं का अपहरण किया गया है, जिनका अब तक कोई पता नहीं चला है।
सरकार पर गंभीर आरोप
हाफिज नईमुर रहमान ने शहबाज शरीफ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने सरकार को चीनी माफिया करार दिया है। उन्होंने कहा कि देश की 89 चीनी मिलों में से 90 प्रतिशत पर शक्तिशाली राजनीतिक हस्तियों का नियंत्रण है। उन्होंने यह भी बताया कि डीलरशिप अपंजीकृत एजेंटों को दी जाती हैं, जिन्हें सरकार द्वारा संरक्षित किया जाता है। चीनी की कीमतें 140 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 200 रुपये प्रति किलो हो गई हैं, जिससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।