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पाकिस्तानी मेजर की टीटीपी के साथ मुठभेड़ में मौत

पाकिस्तान के मेजर सैयद मोइज अब्बास शाह की हाल ही में टीटीपी के साथ मुठभेड़ में शहादत हो गई। यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने 2019 में भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा था। इस लेख में मेजर मोइज की बहादुरी और उनके द्वारा किए गए आतंकवाद-रोधी अभियानों का उल्लेख किया गया है। जानें कैसे यह मुठभेड़ हुई और अभिनंदन की गिरफ्तारी की कहानी क्या है।
 

मेजर मोइज अब्बास शाह की शहादत

पाकिस्तान के मेजर सैयद मोइज अब्बास शाह की दक्षिणी वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ एक गंभीर मुठभेड़ में जान चली गई है। यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा था। अभिनंदन का मिग-21 विमान बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पाकिस्तानी मीडिया ने मेजर मोइज की मृत्यु की पुष्टि की है.


पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, यह घटना 24 जून 2025 को दक्षिणी वजीरिस्तान के सरारोगा क्षेत्र में हुई। खुफिया जानकारी के आधार पर, पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी के ठिकानों पर एक ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान टीटीपी के आतंकवादियों ने अचानक हमला किया, जिससे मेजर मोइज अब्बास शाह और लांस नायक जिबरान उल्लाह शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में सेना ने 11 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि सात अन्य घायल हुए.


आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा, "हमारी सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई की, लेकिन इस तीव्र गोलीबारी में मेजर मोइज अब्बास शाह ने वीरता से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।" मेजर मोइज को उनकी बहादुरी और कई आतंकवाद-रोधी अभियानों में उनके साहस के लिए जाना जाता था.


2019 में अभिनंदन की गिरफ्तारी

मेजर मोइज अब्बास 2019 में उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने बालाकोट हवाई हमले के बाद भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को हिरासत में लिया था। 27 फरवरी 2019 को भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान हवाई संघर्ष में अभिनंदन का मिग-21 बाइसन विमान क्षतिग्रस्त हो गया और वह पाकिस्तानी सीमा में पैराशूट से उतरे, जहां मेजर मोइज के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया। अभिनंदन को बाद में 1 मार्च 2019 को भारत को सौंप दिया गया था.