पानीपत में पहली बार प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की शैक्षणिक क्षमता का मूल्यांकन
पानीपत में शैक्षणिक मूल्यांकन की नई पहल
Nipun Test Panipat, सिटी रिपोर्टर | पानीपत : पहली बार, जिले के 243 प्राथमिक विद्यालयों में दूसरी और तीसरी कक्षा के छात्रों के हिंदी और गणित विषयों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत छात्रों को अंक दिए जाएंगे, और जो सबसे अच्छे प्रदर्शन करेंगे, उन्हें निपुण श्रेणी में रखा जाएगा। इस मूल्यांकन में पीजीटी (पोस्ट ग्रैजुएट टीचर) और टीजीटी (ट्रेंड ग्रैजुएट टीचर) छात्रों के शैक्षणिक स्तर का आकलन करेंगे, जिसमें हिंदी में शब्द, वाक्य और अनुच्छेद पढ़वाए जाएंगे। गणित में, संख्या पहचान, जोड़ और घटाव के प्रश्न पूछे जाएंगे।
जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर अनिल मलिक ने बताया कि यह मूल्यांकन प्रक्रिया जिले में पहली बार हो रही है। हिंदी विषय का मूल्यांकन 15 सितंबर को और गणित का 16 सितंबर को होगा। हिंदी के मूल्यांकन के लिए 30 बच्चों पर एक शिक्षक और गणित के लिए 20 बच्चों पर एक शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए पीजीटी और टीजीटी को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मूल्यांकन की रिपोर्ट ऑनलाइन 'निपुण टीचर्स एप' पर अपलोड की जाएगी। यह मूल्यांकन उन बच्चों का होगा जो एमआईएस पोर्टल पर पंजीकृत हैं। क्लस्टर स्तर पर इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
डेटा संग्रहण की समयसीमा
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज ने इस संबंध में एक बैठक आयोजित की, जिसमें डिप्टी डीईओ, एफएलएन कोऑर्डिनेटर, डीपीसी नीलम कुंडू, डाइट स्टाफ और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल थे। उन्हें 5 सितंबर तक शिक्षकों और छात्रों की संख्या के अनुसार डेटा तैयार करने के निर्देश दिए गए, ताकि इसे राज्य स्तर पर भेजा जा सके। भारद्वाज ने कहा कि यह मूल्यांकन छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए किया जा रहा है। यदि कोई कमियां पाई जाती हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए विभाग कार्य करेगा।
श्रेणी निर्धारण की प्रक्रिया
अनिल मलिक ने बताया कि मूल्यांकन के दौरान यह देखा जाएगा कि बच्चे हिंदी कैसे पढ़ते हैं, उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं, और उन्होंने कितना सीखा है। यदि स्तर अच्छा पाया गया, तो बच्चे को निपुण श्रेणी में रखा जाएगा। यदि प्रदर्शन थोड़ा कमजोर है, तो उसे एल2 श्रेणी में रखा जाएगा, और उससे कमजोर प्रदर्शन करने वाले को एल श्रेणी में रखा जाएगा। जिन बच्चों का शैक्षणिक स्तर बहुत कम होगा, उन्हें सबसे निचली श्रेणी में रखा जाएगा।