पानीपत में सर्दी और प्रदूषण का बढ़ता संकट
पानीपत का मौसम: सर्दी और धुंध का प्रभाव
पानीपत में सर्दी के बढ़ने के साथ-साथ धुंध और प्रदूषण का स्तर भी लगातार बदल रहा है, जिससे लोगों की दिनचर्या और यात्रा पर असर पड़ रहा है।
सर्दियों के आगमन के साथ हवा की गुणवत्ता में उतार-चढ़ाव जारी है। कभी एक्यूआई में गिरावट आती है, तो कभी यह अचानक बढ़ जाता है। रविवार को एक्यूआई 350 तक पहुंच गया था, जबकि सोमवार को यह घटकर 186 पर आ गया। हालांकि, मंगलवार को एक बार फिर एक्यूआई 250 तक पहुंच गया।
सर्दी बढ़ी, प्रदूषण में कमी नहीं
सामान्यतः सर्दियों में प्रदूषण का स्तर कम होता है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। नवंबर का अंत नजदीक है, तापमान गिर रहा है और लोग गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, फिर भी हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
रविवार को एक्यूआई 350 था, जबकि मंगलवार को यह 225 पर पहुंच गया। प्रदूषण में लगातार उतार-चढ़ाव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।
दो पहिया चालकों के लिए बढ़ी चुनौतियाँ
सुबह और शाम के समय धुंध अधिक घनी हो जाती है, जिससे प्रदूषण की परत भी बढ़ जाती है। इससे टू-व्हीलर चलाना और भी कठिन हो गया है।
इसराना की निवासी पिंकी ने बताया, "मैं रोज सुबह 8 बजे पानीपत काम पर जाती हूं और शाम 5 बजे लौटती हूं। पहले मैं स्कूटी से यात्रा करती थी, लेकिन अब धुंध और प्रदूषण के कारण यह करना मुश्किल हो गया है। इसलिए अब मुझे बस से यात्रा करनी पड़ रही है।"
आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने की संभावना
मौसम विशेषज्ञ डॉ. आशीष कुमार के अनुसार, "नवंबर के अंत से पहले न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है। दिसंबर की शुरुआत में यह 7 डिग्री तक पहुंच सकता है। सुबह और शाम धुंध का प्रभाव और बढ़ेगा, जिससे दृश्यता पर भी असर पड़ेगा।"