पीएम मोदी का 5 राज्यों का दौरा: 71,850 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी का महत्वपूर्ण दौरा
दिल्ली समाचार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 सितंबर के बीच मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी कुल 71,850 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। यह दौरा विशेष रूप से जातीय दंगों से प्रभावित मणिपुर के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम का दौरा 13 सितंबर को चुराचांदपुर से शुरू होगा, जो दंगों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। यहां, पीएम 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की नींव रखेंगे और एक रैली को संबोधित करेंगे.
इंफाल में परियोजनाओं का उद्घाटन
इंफाल में पीएम करेंगे 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन
अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के अर्बन रोड्स, ड्रेनेज और एसेट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के लिए 3,600 करोड़ रुपये, पांच राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 2,500 करोड़ रुपये, मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और 9 कार्यरत महिला छात्रावासों का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, पीएम इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें मणिपुर सिविल सचिवालय, आईटी एसईजेड बिल्डिंग, नया पुलिस मुख्यालय, दिल्ली और कोलकाता में मणिपुर भवन और चार जिलों के ईमा मार्केट्स शामिल हैं। मिजोरम में, पीएम 9,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे, जिसमें बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का शुभारंभ भी शामिल है, जो राज्य को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी.
डॉ. भूपेन हजारिका की जयंती समारोह में भागीदारी
भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जयंती समारोह में होंगे शामिल
बिहार में, पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना करेंगे और पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, जिससे राज्य को लगभग 36,000 करोड़ रुपये की सौगात मिलेगी। असम में, पीएम गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे, जहां वे 18,350 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में, वे 16वें संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल मणिपुर में शांति और विकास का संदेश देगी, बल्कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को नई गति देने में भी महत्वपूर्ण होगी.