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पीएम मोदी का कनाडा दौरा: जी7 समिट में वैश्विक नेताओं से मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी का कनाडा दौरा जी7 समिट में भाग लेने के लिए है, जहां वे कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरे का महत्व भारत और कनाडा के बीच हाल के तनाव को देखते हुए बढ़ गया है। पीएम मोदी आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह यात्रा भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाती है, और पीएम मोदी मित्र देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे। जानें इस दौरे के कूटनीतिक मायने और संभावित परिणाम।
 

पीएम मोदी का कनाडा दौरा

पीएम मोदी कनाडा यात्रा 2025: प्रधानमंत्री मोदी जी7 समिट में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। इस दौरान वे कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिनमें इमैनुएल मैक्रो, शिगेरु इशिबा, एंथनी अल्बनीज, कीर स्टारमर, फ्रेडरिक मर्ज और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी शामिल हैं। यह दौरा भारत और कनाडा के बीच हाल के तनाव को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी, इसलिए मार्क कार्नी से उनकी मुलाकात विशेष महत्व रखती है।


आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग

दुनिया को आतंकवाद का पाठ पढ़ाएंगे


ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की यह पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है। वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर हैं। साइप्रस की यात्रा पूरी करने के बाद वे कनाडा पहुंचे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को कई देशों से समर्थन मिला, जबकि कुछ देशों ने तनाव के मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान की नीतियों को उजागर करने के लिए विभिन्न देशों में 7 प्रतिनिधिमंडल भेजे थे। इस दृष्टि से यह दौरा कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।


मित्र देशों के साथ रणनीति बनाना

साझेदार देशों के साथ चर्चा


पीएम मोदी जी-7 समिट में कई विदेशी नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम शिगेरु इशिबा शामिल हैं। इस दौरान पीएम मोदी इन नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देंगे। इसके साथ ही, आपसी सहयोग और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कनाडा के पीएम मार्क कार्नी पीएम मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं, और यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकती है।


महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

मुख्य मुद्दों पर बातचीत


पीएम मोदी आतंकवाद के अलावा जलवायु परिवर्तन, इजराइल-ईरान संघर्ष, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, मेक इन इंडिया के माध्यम से वे विकासशील देशों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। भारत की स्वदेशी हथियार प्रणाली की विश्व स्तर पर प्रशंसा की गई है, जिससे पीएम मोदी वैश्विक मंच पर स्वदेशी हथियारों की ओर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।


भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यदि भारत बार-बार जी7 मीटिंग में शामिल होता है, तो यह उसकी राजनयिक स्थिति को मजबूत करने का संकेत है। वर्तमान में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और वैश्विक नेता अब भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। भारत न केवल आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वदेशी हथियारों में उसकी आत्मनिर्भरता भी महत्वपूर्ण है।