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पीएम मोदी का मालदीव दौरा: स्वतंत्रता दिवस समारोह में ऐतिहासिक भागीदारी

पीएम मोदी का हालिया मालदीव दौरा स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनकी भागीदारी के साथ महत्वपूर्ण समझौतों का संकेत देता है। इस दौरे ने भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित करने का अवसर प्रदान किया है। समारोह में पीएम मोदी की उपस्थिति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को दर्शाया। मालदीव की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए एक रणनीतिक लाभ है, और इस दौरे ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
 

पीएम मोदी का समुद्री काफिला

समुद्र की लहरों को पार करते हुए पीएम मोदी की यॉट आगे बढ़ रही है, जबकि उनकी सुरक्षा में कमांडो और विशेष सुरक्षा अधिकारियों की नावें भी साथ चल रही हैं। पीएम मोदी के काफिले की तस्वीरें मालदीव की राजधानी माले से आई हैं, जहां वह स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए निकले। यह देखना दिलचस्प है कि जिस माले में भारतीय सेना की उपस्थिति को लेकर मोहम्मद मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' अभियान चलाया था, वहीं अब उन्होंने पीएम मोदी को अपनी सेना की परेड दिखाने का अवसर दिया। यह समय का एक दिलचस्प मोड़ है।


समझौतों की श्रृंखला

पीएम मोदी का मालदीव दौरा बेहद सफल रहा, जिसमें भारत और मालदीव के बीच आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध गहरे हैं। हालांकि, हाल के राजनीतिक परिवर्तनों और क्षेत्र में विदेशी प्रभाव के कारण संबंधों में चुनौतियाँ आई हैं। स्वतंत्रता दिवस समारोह में पीएम मोदी की भागीदारी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों का संकेत देती है।


भारत की रणनीतिक योजना

मालदीव की स्थिति भारत के लिए एक रणनीतिक लाभ और खतरा दोनों है। यदि मालदीव चीन और पाकिस्तान के प्रभाव में आता है, तो भारत ने एक प्रभावशाली योजना तैयार की है। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत लक्षद्वीप के बित्रा द्वीप का अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है। लक्षद्वीप का स्थान भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समुद्री व्यापार मार्गों के बीच स्थित है।


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