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पीयूष गोयल की ब्रिटेन यात्रा: डिजिटल प्रगति और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन की यात्रा के दौरान कई प्रमुख अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने डिजिटल प्रगति, फाइनेंशियल फ्रेमवर्क और भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की। इस यात्रा में उन्होंने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के महत्व को भी रेखांकित किया। जानें इस यात्रा के दौरान हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं के बारे में।
 

ब्रिटेन में केंद्रीय मंत्री की महत्वपूर्ण बैठकें

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ब्रिटेन की यात्रा के दौरान कई प्रमुख ब्रिटिश अधिकारियों और उद्योग के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने फाइनेंशियल फ्रेमवर्क और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।


मंत्री गोयल ने ब्रिटेन में एक्सचेकर की चांसलर रेचल रीव्स से मुलाकात की, जहां उन्होंने भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए फाइनेंशियल फ्रेमवर्क्स, सस्टेनेबल फाइनेंस और नए व्यापार अवसरों पर विचार किया।


इसके अलावा, उन्होंने ब्रिटेन स्थित बिजनेस फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म टाइड के सीईओ ओलिवर प्रिल के साथ भी महत्वपूर्ण वार्ता की।


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, उन्होंने कहा, "डिजिटल दुनिया में भारत की प्रगति के साथ, हमने फिनटेक इकोसिस्टम, डिजिटल सशक्तीकरण और दोनों अर्थव्यवस्थाओं में एसएमई के नेतृत्व वाली वृद्धि को बढ़ावा देने पर चर्चा की।"


लंदन के फ्यूचर फ्रंटियर्स फोरम में साइंस म्यूजियम ग्रुप के निदेशक और मुख्य कार्यकारी सर इयान ब्लैचफोर्ड के साथ भी उनकी बातचीत हुई।


मंत्री गोयल ने भारत की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नवाचार में प्रगति को उजागर किया और बताया कि कैसे दुनिया हमारी कुशल प्रतिभा, लागत प्रभावी समाधानों और एआई में बढ़ती क्षमताओं से लाभान्वित हो सकती है। उन्होंने भारत-ब्रिटेन एफटीए के माध्यम से साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में सहयोग को गहरा करने की संभावनाओं पर भी जोर दिया।


उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को एक परिवर्तनकारी आर्थिक साझेदारी में बदलने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।


लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) 2025 में भारत के वैश्विक दृष्टिकोण और आर्थिक नेतृत्व को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिला।


मई 2025 में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर ऐतिहासिक हस्ताक्षर के बाद उनकी यात्रा एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुई।


मंत्री गोयल ने एफटीए को दो जीवंत लोकतंत्रों के बीच साझा महत्वाकांक्षा का प्रतीक बताया, यह समझौता न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत की संतुलित और भविष्योन्मुखी व्यापार ढांचे पर बातचीत करने की क्षमता को भी दर्शाता है।