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पुणे में चुनावी चिकन वितरण: दंपती ने बांटे 5 हजार किलो चिकन

पुणे में एक दंपती ने श्रावण मास की शुरुआत से पहले 5 हजार किलो चिकन मुफ्त में बांटकर चुनावी माहौल को गरमाया। इस आयोजन का उद्देश्य समाज को सशक्त बनाना बताया गया, लेकिन इसे चुनावी रणनीति भी माना जा रहा है। हजारों लोग इस मुफ्त चिकन के लिए कतार में लगे, जिससे आयोजन में भीड़ पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण हो गया। जानें इस अनोखे आयोजन के पीछे की कहानी और शहर में इसकी चर्चा।
 

श्रावण मास की शुरुआत से पहले का आयोजन

महाराष्ट्र में श्रावण मास 24 जुलाई से आरंभ हो रहा है, और इससे पहले 'गटारी' का पर्व मनाया जाता है। यह वह दिन है जब अधिकांश घरों में मांसाहारी भोजन तैयार किया जाता है। इसी अवसर पर पुणे के एक दंपती ने अपने 'धनंजय जाधव फाउंडेशन' के माध्यम से 5 हजार किलो चिकन मुफ्त में वितरित किया। आयोजकों का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज को सशक्त बनाना है, लेकिन शहर में यह भी चर्चा है कि यह पुणे महानगरपालिका चुनावों के मद्देनजर वोटरों को आकर्षित करने की एक रणनीति थी।


मुफ्त चिकन वितरण का आयोजन

पुणे के धानोरी, भैरवनगर, सादबानगर, जकात नाका और मुंजाबावस्ती जैसे क्षेत्र वॉर्ड नंबर 1 में आते हैं। इसी वॉर्ड से पार्षद बनने की इच्छा रखने वाले दंपती धनंजय जाधव और पूजा जाधव ने रविवार को 5 हजार किलो चिकन बांटने का आयोजन किया। मुफ्त राशन और बिजली जैसी योजनाओं का लाभ उठाने वाले मतदाता इस मुफ्त चिकन के अवसर को कैसे छोड़ सकते थे? हजारों लोग सुबह से ही चिकन पाने के लिए लाइन में लग गए।


भीड़ पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण

चिकन प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन और पहचान पत्र दिखाना आवश्यक था। शुरुआत में यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन कुछ ही समय में भीड़ इतनी बढ़ गई कि रजिस्ट्रेशन और आईडी की जांच करना संभव नहीं रहा। सभी लोग मुफ्त चिकन के लिए टूट पड़े, जिससे भीड़ पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो गया। अंततः जाधव दंपती ने भी हाथ खड़े कर दिए। इस आयोजन की चर्चा शहरभर में हो रही है, जहां कुछ लोग इसे चुनावी मार्केटिंग और कुछ इसे लोकप्रियता की मुहिम मान रहे हैं।