पुणे में पुल ढहने से हुई त्रासदी: मंत्री ने उठाए सवाल
पुल ढहने की घटना
पुणे पुल ढहने की घटना: पुणे में इंद्रायणी नदी पर एक पुराना और जर्जर पुल गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग तेज बहाव में बह गए। इस हादसे में दो व्यक्तियों की जान चली गई। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि एक साल पहले पुल के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया था। इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि टेंडर जारी होने के बावजूद पुल को बंद क्यों नहीं किया गया?
हादसे का स्थान और कारण
यह दुर्घटना पुणे जिले की मावल तहसील के कुंडमाला क्षेत्र में हुई, जहां पर्यटक इंद्रायणी नदी के तेज बहाव को देखने के लिए पुल पर मौजूद थे। भारी बारिश के कारण यह पुल गिर गया। यह पुल लोहे से बना था और इसकी उम्र लगभग 30 से 35 वर्ष थी, जिससे इसकी स्थिति जर्जर हो गई थी।
मंत्री का बयान
पुल के गिरने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे गिरीश महाजन ने कहा कि पुल को तोड़ने और नए पुल के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया था, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा। उन्होंने यह भी कहा कि यह देखना होगा कि निर्माण कार्य क्यों नहीं हो सका।
प्रशासन की लापरवाही
हालांकि पुल को बंद कर दिया गया था, लेकिन प्रशासन ने इसे लॉक नहीं किया था। यह एक पर्यटक स्थल होने के बावजूद पुल के पास कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था। इसके अलावा, पुल के बंद होने का कोई संकेत भी नहीं था। बारिश के दौरान बड़ी संख्या में लोग पुल पर आ गए, जिससे यह हादसा हुआ।
सरकार की सहायता
पुल दुर्घटना के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया कि राज्य सरकार इंद्रायणी नदी पर पुल गिरने की घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसके साथ ही, घायलों के इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।