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पुराने वाहनों के लिए नई राहत: 20 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की आवश्यकता नहीं

केंद्र सरकार ने 20 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। नए नियमों के तहत, यदि वाहन फिटनेस टेस्ट पास करता है, तो उसे सड़क पर चलाने की अनुमति होगी। हालांकि, पुनः पंजीकरण के लिए वाहन मालिकों को दो गुना शुल्क और फिटनेस टेस्ट कराना होगा। इस नीति से सरकार को राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है, साथ ही प्रदूषण नियंत्रण और सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा। जानें इस नई नीति के सभी पहलुओं के बारे में।
 

सरकार की नई नीति से वाहन मालिकों को राहत


नई नीति: पुराने वाहन मालिकों को अब एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि 20 साल से अधिक पुराने दोपहिया, कार और मालवाहक वाहनों को अनिवार्य रूप से स्क्रैप करने की आवश्यकता नहीं होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के नए नियमों के अनुसार, यदि वाहन फिटनेस टेस्ट में सफल होता है, तो उसे आगे भी चलाने की अनुमति होगी।


जबरन स्क्रैपिंग की आवश्यकता समाप्त

जबरन स्क्रैपिंग की आवश्यकता नहीं

अब 20 साल से अधिक पुराने दोपहिया, कार और मालवाहक वाहनों को जबरन स्क्रैप नहीं किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें राज्यों के परिवहन विभागों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे वाहन मालिक पुनः पंजीकरण (Re-Registration) करा सकते हैं और फिटनेस टेस्ट पास करने पर उन्हें कानूनी रूप से सड़कों पर चलाने की अनुमति होगी।


पुनः पंजीकरण के लिए शुल्क

पुनः पंजीकरण शुल्क में वृद्धि

पुनः पंजीकरण की प्रक्रिया में वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहनों के लिए सामान्य से दो गुना पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। इसके साथ ही, वाहन का फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) भी प्रस्तुत करना होगा। इन सभी शर्तों को पूरा करने के बाद ही वाहन कानूनी रूप से सड़क पर चल सकेगा।


छत्तीसगढ़ में पुराने वाहनों की स्थिति

छत्तीसगढ़ में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की संख्या लगभग 24 लाख है, जिसमें दोपहिया, तीनपहिया, कार और छोटे वाहन शामिल हैं। इनमें से करीब 2 लाख वाहन अब अस्तित्व में नहीं हैं और इन्हें ब्लैकलिस्टेड घोषित किया जा चुका है। रायपुर जिले में 3,88,717 वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 3,09,094 मोटरसाइकिल और स्कूटर, 32,031 मोपेड, 47,464 कार और 128 ओमनी बसें शामिल हैं। अब तक इनमें से लगभग 25 प्रतिशत वाहनों का पुनः पंजीकरण हो चुका है, जबकि शेष वाहनों के खिलाफ पुलिस ने चालानी कार्रवाई शुरू कर दी है।


पुनः पंजीकरण शुल्क का विवरण

पुनः पंजीकरण शुल्क का ब्यौरा

दोपहिया वाहन (15–20 साल पुराने): ₹1,000 से ₹2,000

तीनपहिया वाहन: ₹2,500 से ₹5,000

कारें: ₹5,000 से ₹10,000

ट्रक और बसें: ₹18,000 से ₹24,000


सरकार को मिलने वाले लाभ

केंद्र और राज्य सरकार को लाभ

इस पहल से केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व के तीनहरे स्रोत प्राप्त होंगे। पुराने वाहन स्क्रैप करने पर वाहन मालिकों को नई गाड़ी खरीदते समय 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके साथ ही रोड टैक्स में 15 से 25 प्रतिशत तक की रियायत दी जाएगी। नई गाड़ी की खरीद पर सरकार को 18 प्रतिशत जीएसटी (GST) का सीधा लाभ मिलेगा।


प्रदूषण और सड़क सुरक्षा पर प्रभाव

प्रदूषण नियंत्रण और सड़क सुरक्षा पर प्रभाव

15 से 20 साल पुराने वाहन अत्यधिक प्रदूषण फैलाते हैं, जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सूक्ष्म कण शामिल हैं। इन वाहनों की सेवा अवधि पूरी होने के कारण इनकी सड़क सुरक्षा क्षमता भी घट जाती है। इसी वजह से फिटनेस टेस्ट और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) को अनिवार्य किया गया है, ताकि सड़कों पर केवल सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल वाहन ही चल सकें।