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पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों में तेजी, सेना और एनडीआरएफ सक्रिय

पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे स्थानीय लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, जहां उन्होंने हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर राहत कार्यों की जानकारी साझा की है, जिसमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने का कार्य जारी है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
 

बाढ़ की गंभीर स्थिति और राहत कार्य

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है, जिसका प्रभाव स्थानीय निवासियों पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इस संकट के बीच, भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान कर रही हैं।


सोमवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि भारतीय सेना, केंद्रीय सशस्त्र बल, एनडीआरएफ और राज्य सरकार के बलों द्वारा पूर्वोत्तर में एक महत्वपूर्ण मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन चलाया जा रहा है।


उन्होंने एक अन्य पोस्ट में एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक व्यक्ति उफनती नदी के बीच स्थित हैंगिंग ब्रिज को पार करते हुए दिखाई दे रहा है।


रिजिजू ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश में मानसून की बारिश का स्तर विश्व में सबसे अधिक है। उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें एक व्यक्ति भारत-चीन और म्यांमार सीमा के त्रिकोणीय जंक्शन के पास स्थित हैंगिंग ब्रिज को पार कर रहा है। उन्होंने सभी से सुरक्षित रहने की अपील की और कहा कि सरकार आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।


'ऑपरेशन जलराहत-2' के दूसरे दिन, भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में बाढ़ राहत कार्य जारी रखा। पिछले दो दिनों में 1,300 से अधिक नागरिकों को बचाया गया, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं।


रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने बताया कि शनिवार को 800 लोगों को बचाया गया और रविवार को इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों से 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।


रविवार को सेना और असम राइफल्स के जवानों ने वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, जेएनआईएमएस और अहलप जैसे गंभीर रूप से जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकाला।