पूर्वोत्तर भारत में बारिश से उत्पन्न संकट: 32 लोगों की मौत
पूर्वोत्तर में बारिश का कहर
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और मौजूदा हालात का आकलन किया। राहत और बचाव कार्य में सेना के जवान भी जुटे हुए हैं। इस बारिश के कारण पूर्वोत्तर में अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है।
दिल्ली और एनसीआर में मौसम में बदलाव
रविवार की शाम को दिल्ली और एनसीआर में मौसम में बदलाव आया, जहां तेज हवाएं चलीं और कुछ स्थानों पर बारिश भी हुई। हालांकि, तेज आंधी के कारण दिल्ली में धूल की एक परत छा गई। मौसम विभाग ने यहां आंधी और बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राज्यों को केंद्र से मदद का आश्वासन
पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश के कारण बिगड़ती स्थिति के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से फोन पर बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि असम में 16, अरुणाचल प्रदेश में 9, मिजोरम में 4 और मेघालय में 3 लोगों की जान गई है। असम के 15 से अधिक जिलों में 78,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
भूस्खलन और बाढ़ का खतरा
मणिपुर में भारी बारिश के कारण पिछले दो दिनों में बाढ़ और भूस्खलन से लगभग चार हजार लोग प्रभावित हुए हैं। अरुणाचल प्रदेश में भी भूस्खलन से जानमाल का नुकसान हुआ है। सिक्किम के उत्तरी हिस्से में करीब डेढ़ हजार पर्यटक फंसे हुए हैं। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में भी रविवार को तेज बारिश हुई, जिससे श्रीनगर और लेह हाईवे पर भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं। प्रशासन और बचाव दल मलबा हटाने में जुटे हैं।