पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं, तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गई हैं, लेकिन देश में आम जनता को पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों से राहत नहीं मिल रही है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि इस स्थिति का सीधा लाभ सरकारी तेल कंपनियों को हो रहा है, जो पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर भारी मुनाफा कमा रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में तेल विपणन कंपनियों (OMCs) का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक, देश की तेल कंपनियां एक लीटर पेट्रोल पर 11.2 रुपये और एक लीटर डीजल पर 8.1 रुपये का मुनाफा कमा रही हैं। यह मुनाफा मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के कारण है, जिसका लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा है।
यह स्थिति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बनी हुई हैं, और कई राज्यों में यह आंकड़ा 100 रुपये को पार कर चुका है। कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद आम लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है।
आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार मामूली कटौती डेढ़ साल पहले, 2024 में की गई थी, जब कीमतों में 2 से 3 रुपये की कमी की गई थी। उसके बाद से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट के बावजूद देश में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।