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पोलैंड ने बेलारूस के साथ सीमा बंद करने का निर्णय लिया

पोलैंड ने रूस के साथ बढ़ते तनाव और बेलारूस में सैन्य गतिविधियों के चलते अपनी सीमाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने बताया कि यह कदम बेलारूस और रूस की ओर से बढ़ती उकसावों और आक्रामक सैन्य अभ्यास के कारण उठाया गया है। इस निर्णय के तहत, पोलैंड ने सैन्य जेट विमानों को तैनात किया और वारसॉ एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और यूरोप में बढ़ती चिंता के बारे में।
 

पोलैंड की सीमाओं का बंद होना

पोलैंड ने रूस के साथ बढ़ते तनाव और बेलारूस में सैन्य गतिविधियों के चलते अपनी सीमाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। बुधवार (10 सितंबर) की सुबह पोलिश हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन की उपस्थिति ने देश में हड़कंप मचा दिया। इस दौरान, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने मंगलवार को घोषणा की कि बेलारूस के साथ सीमा शुक्रवार से पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। इस निर्णय का कारण बेलारूस और रूस की ओर से बढ़ती "कई उकसावे" और "आक्रामक सैन्य अभ्यास" को बताया गया है.


रूसी ड्रोन की उपस्थिति पर प्रतिक्रिया

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूसी ड्रोन की पहचान के बाद, पोलैंड ने सैन्य जेट विमानों को तैनात किया और वारसॉ एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। साथ ही, निवासियों से घरों के अंदर रहने की अपील की गई। पोलिश सेना ने बताया कि ये ड्रोन यूक्रेन से होते हुए पोलिश एयर स्पेस में प्रवेश कर गए थे। उन्होंने कहा कि "ड्रोन की पहचान और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है, और उन्हें मार गिराने के लिए हथियारों का उपयोग किया गया है।


बेलारूस के साथ सीमा बंद करने का कारण

पोलैंड बेलारूस के साथ अपना बार्डर क्यों बंद कर रहा है?

पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने मंगलवार (10 सितंबर) को कहा कि वारसॉ शुक्रवार को बेलारूस के साथ अपनी सीमा बंद करने की योजना बना रहा है। यह निर्णय बेलारूस द्वारा रूसी सेना के साथ किए जा रहे सैन्य अभ्यास के मद्देनजर लिया गया है। पीएम टस्क ने कहा कि बेलारूस और रूस की ओर से "कई उकसावों" की बढ़ती संख्या और पोलिश सीमा के निकट अभ्यास की "अत्यंत आक्रामक" प्रकृति इस निर्णय के पीछे के कारण हैं.


रूसी ड्रोन के खतरे पर पोलैंड की प्रतिक्रिया

रूसी ड्रोन के खतरा पर क्या बोला पोलैंड?

पोलिश अधिकारियों ने घोषणा की है कि शुक्रवार (12 सितंबर) की मध्य रात्रि से पोलैंड और बेलारूस के बीच सभी सीमा पार, रेल संपर्क सहित, दोनों देशों की ओर से "कई उकसावों" और जैपड सैन्य अभ्यास की "आक्रामक प्रकृति" के कारण बंद कर दिए जाएंगे। पोलिश सरकार ने आरोप लगाया है कि बेलारूस और रूस जानबूझकर अवैध प्रवासियों को सीमा पार कराकर पोलैंड में भेज रहे हैं।


जैपड सैन्य अभ्यास की जानकारी

जैपड सैन्य अभ्यास क्या है?

रूस और पोलैंड के बीच जैपड (पश्चिम) नाम का सैन्य अभ्यास 12 सितंबर से शुरू होगा। यह अभ्यास 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद का पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है। रूस और बेलारूस के बीच जैपड 2021 अभ्यास खत्म होने के छह महीने बाद, मास्को ने बेलारूस में तैनात सुरक्षा बलों का इस्तेमाल करके यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था.


यूरोप में रूस के संभावित खतरे पर चिंता

रूस के संभावित खतरे को लेकर यूरोप में बढ़ती चिंता

2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से, कई नाटो देशों और यूरोपीय देशों ने रूस के साथ बड़े संघर्ष की चिंता व्यक्त की है। रूस और यूक्रेन के बीच हमलों में अचानक वृद्धि के साथ, विशेष रूप से ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद, और अब पोलैंड के ऊपर ड्रोन देखे जाने के कारण, यूरोप अभी भी सतर्क बना हुआ है.