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पोलैंड पर रूस के हमले से बढ़ा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में पोलैंड पर हालिया हवाई हमले ने वैश्विक तनाव को बढ़ा दिया है। यह पहली बार है जब नाटो के किसी सदस्य ने रूसी ठिकानों पर हमला किया है। पोलैंड के प्रधानमंत्री ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी है, जबकि नाटो के अनुच्छेद 4 का उपयोग किया गया है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

रूस-यूक्रेन संघर्ष में पोलैंड की भूमिका

पोलैंड और रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष अब एक वैश्विक संकट का रूप लेता जा रहा है। हाल ही में, रूस ने अचानक पोलैंड पर हवाई हमले किए, जिससे यह पहली बार हुआ है कि इस युद्ध में किसी तीसरे देश ने भी भाग लिया है।


यूक्रेन और रूस के बीच दो साल से अधिक समय से युद्ध जारी है, लेकिन यह पहली बार है जब पोलैंड पर हवाई हमले हुए हैं। पोलैंड ने इन ड्रोन हमलों को अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन मानते हुए जवाबी कार्रवाई की। यह नाटो के किसी सदस्य द्वारा रूसी ठिकानों पर पहला हमला है।


नाटो के अनुच्छेद 4 का प्रयोग

नाटो के अनुच्छेद 4 का हुआ इस्तेमाल


नाटो में 32 देश शामिल हैं, जिनमें अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख देश भी शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि पोलिश सेना ने नाटो के अनुच्छेद 4 का उपयोग करते हुए कई ड्रोन को नष्ट किया। यह अनुच्छेद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार पूरी तरह से लागू किया गया है।


यह संघर्ष तब बढ़ा जब रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन कीव और ल्वीव जैसे शहरों पर छोड़े गए। कुछ ड्रोन पोलैंड में भी घुस गए, जिसके कारण पोलैंड ने अपने वारसॉ हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और नाटो सहयोगियों के साथ विमानों को तैनात किया।


पोलैंड के प्रधानमंत्री की चेतावनी

पोलैंड के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?


पोलैंड के प्रधानमंत्री ने तीसरे विश्व युद्ध की संभावना की चेतावनी दी है। उन्होंने संसद में कहा कि पोलैंड अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे अधिक खुले संघर्ष के करीब है। उन्होंने यह भी कहा कि वे युद्ध के कगार पर हैं, लेकिन स्थिति गंभीर है।


रक्षा मंत्री ने बताया कि रूस के हमले के दौरान 10 से अधिक ड्रोन पोलैंड में घुस आए थे, जिन्हें नाटो बलों की मदद से नष्ट किया गया।


नाटो के नियमों का महत्व

क्या कहता है नाटो का नियम?


नाटो का मानना है कि यदि किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है, तो इसे सभी 32 देशों के खिलाफ माना जाएगा। इस स्थिति में, पोलैंड पर हुए ड्रोन हमले के कारण यह सवाल उठता है कि क्या सभी देश मिलकर रूस का जवाब देंगे। हालांकि, यूक्रेन और रूस दोनों नाटो के सदस्य नहीं हैं, लेकिन पोलैंड को यूक्रेन के निकटता के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।


यूक्रेन के अनुसार, रूस ने एक रात में लगभग 415 ड्रोन और 40 से अधिक मिसाइलें छोड़ी हैं।