पोल्ट्री फार्मिंग के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
पोल्ट्री फार्मिंग: किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर
पोल्ट्री फार्मिंग आज के समय में किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। प्रोटीन की बढ़ती मांग और अंडे तथा मांस की आवश्यकता ने इसे एक लाभदायक व्यवसाय बना दिया है। यह कम निवेश में शुरू किया जा सकता है और इससे अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
पोल्ट्री फार्मिंग में खर्च का विवरण
पोल्ट्री फार्मिंग में मुख्यतः तीन प्रकार के खर्च होते हैं: फीड, दवाइयां और टीकाकरण, और प्रबंधन व बिजली-पानी का खर्च। रिपोर्टों के अनुसार, फीड का खर्च कुल लागत का 65-70% होता है।
सही फीडिंग का महत्व
मुर्गी पालन में फीड सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। चूजों को पहले 15 दिनों तक बारीक दलिया या छोटी ग्रिट देना चाहिए। इसके बाद उनकी उम्र के अनुसार स्टार्टर, ग्रोअर और फिनिशर फीड देना आवश्यक है।
चूजों की देखभाल में सावधानी
पोल्ट्री फार्मिंग में चूजों की देखभाल का समय सबसे नाजुक होता है। इस दौरान किसी भी गलती से भारी नुकसान हो सकता है। फार्म की सफाई के लिए कीटाणुनाशक का उपयोग करें और ब्रूडर में सही तापमान बनाए रखें।
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
केंद्र और राज्य सरकारें पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत युवाओं को 50% तक अनुदान मिलता है।
किसानों के लिए आवश्यक सुझाव
पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। हमेशा स्वस्थ और टीकाकृत चूजे खरीदें। फार्म की सफाई में लापरवाही न बरतें।