प्रकाशम जिला पुलिस ने भड़काऊ पोस्टरों पर कड़ा रुख अपनाया
प्रकाशम जिला पुलिस ने हाल ही में भड़काऊ बैनरों और पोस्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। नए नियमों के तहत, केवल पोस्टर लगाने वाले ही नहीं, बल्कि उन्हें डिजाइन करने वाले और प्रिंटिंग प्रेस भी जिम्मेदार होंगे। एसपी एआर दामोदर ने चेतावनी दी है कि यदि किसी पोस्टर में आपत्तिजनक सामग्री पाई गई, तो छापने वाले को भी दंडित किया जाएगा। इसके अलावा, भड़काऊ सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा करना भी अपराध माना जाएगा। जानें इस नए नियम के बारे में और कैसे यह समाज में शांति बनाए रखने में मदद करेगा।
Sep 12, 2025, 12:59 IST
भड़काऊ सामग्री पर सख्त कार्रवाई
प्रकाशम जिला पुलिस ने हाल ही में समाज में नफरत फैलाने वाले भड़काऊ बैनरों और पोस्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। कुछ समय पहले ऐसे पोस्टरों में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया था, जिससे शांति भंग होने का खतरा उत्पन्न हुआ। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पुलिस ने नए नियम लागू किए हैं।जिला के एसपी एआर दामोदर ने स्पष्ट किया कि अब केवल पोस्टर लगाने वाले ही नहीं, बल्कि उन्हें डिजाइन करने वाले और प्रिंटिंग प्रेस भी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, "डिजाइनर और प्रिंटिंग प्रेस यह नहीं कह सकते कि ग्राहक ने जो कहा, हमने वही छापा। यदि पोस्टर में कुछ भी गलत पाया गया, तो छापने वाले को भी दंडित किया जाएगा।"
नए नियमों के अनुसार, किसी भी पोस्टर या बैनर में जाति, धर्म या समाज को विभाजित करने वाली बातें नहीं होनी चाहिए। सांप्रदायिक नफरत फैलाने, किसी को बदनाम करने, अश्लील भाषा या अपमानजनक टिप्पणियों को अब आपराधिक मामला माना जाएगा।
एसपी ने चेतावनी दी कि दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी की जाएगी, केस दर्ज होगा और आवश्यकता पड़ने पर दुकान को सील भी किया जा सकता है।
इसके अलावा, भड़काऊ सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा करना या बढ़ावा देना भी अब अपराध माना जाएगा। एसपी ने युवाओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे अपनी बातों को शांतिपूर्ण तरीके से रखें और जिम्मेदारी का परिचय दें। उन्होंने कहा कि हर शब्द और वाक्य के परिणाम होते हैं, इसलिए समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास करें।