प्रज्ञा ठाकुर का सनसनीखेज दावा: पीएम मोदी का नाम लेने के लिए किया गया प्रताड़ित
प्रज्ञा ठाकुर के आरोप
मुंबई: मालेगांव बम धमाके के मामले में हाल ही में बरी हुई पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे कई प्रमुख व्यक्तियों का नाम लेने का दबाव डाला। प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि उन्हें इस प्रक्रिया में गंभीर रूप से प्रताड़ित किया गया।
शनिवार को प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'जांचकर्ताओं ने मुझसे पीएम मोदी और सीएम योगी के अलावा आरएसएस से जुड़े चार व्यक्तियों का नाम लेने के लिए कहा, जिनमें इंद्रेश कुमार और राम माधव भी शामिल थे। मुझे इस सब के लिए प्रताड़ित किया गया। मेरे फेफड़े खराब हो गए थे और मुझे अस्पताल में अवैध रूप से रखा गया।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह सब उस कहानी का हिस्सा है, जिसे मैं लिख रही हूं। सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता। चूंकि मैं गुजरात में रहती थी, इसलिए मुझसे पीएम मोदी का नाम लेने के लिए भी कहा गया। लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया, क्योंकि वे मुझसे झूठ बोलने के लिए कह रहे थे।'
प्रज्ञा ठाकुर के आरोपों को पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) सदस्य महबूब मुजावर के दावों से भी समर्थन मिला है। मुजावर ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उनके अनुसार, इसका असली उद्देश्य जांच को गलत दिशा में मोड़कर 'भगवा आतंकवाद' का नैरेटिव बनाना था।
यह ध्यान देने योग्य है कि मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने हाल ही में प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अन्य सभी सात आरोपियों को 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश करने में असफल रहा। 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए इस विस्फोट में छह लोगों की जान गई थी। बरी होने के बाद, प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर उन्हें साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है।