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प्रधानमंत्री मोदी का माओवादी आतंकवाद के अंत की ओर इशारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण भाषण में माओवादी आतंकवाद के अंत की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत गारंटी है कि भारत जल्द ही इस खतरे से मुक्त होगा। मोदी ने माओवादी हिंसा की निंदा की और बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं उभर रही हैं। उन्होंने बस्तर जैसे क्षेत्रों में बदलाव की बात की, जहां अब आदिवासी बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर रहे हैं। यह भाषण न केवल माओवादी आतंकवाद के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि देश के भविष्य के प्रति आशा भी जगाता है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का प्रभावशाली संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया भाषण में यह स्पष्ट किया कि भारत में माओवादी आतंकवाद का संकट समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता है कि देश जल्द ही इस खतरे से मुक्त हो जाएगा।


माओवादी हिंसा की निंदा

मोदी ने माओवादी हिंसा की कड़ी आलोचना की, जिसने कई वर्षों तक विकास को बाधित किया और गरीब ग्रामीणों, किसानों और आदिवासी समुदायों की जानें लीं।


प्रगति की नई शुरुआत

उन्होंने बताया कि माओवादी प्रभाव में कमी आई है और प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं उभर रही हैं।


दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट

नई दिल्ली में आयोजित एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में, पीएम मोदी ने उन पीड़ितों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया, जो हाल ही में दिल्ली आए थे और अपनी आवाज़ उठाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।


गरीबों की दुर्दशा

मोदी ने कहा कि गरीब ग्रामीण, किसान और आदिवासी, जिनमें से कुछ के अंग कटे हुए थे, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखने के लिए आए थे। उन्होंने शहरी नक्सलियों की आलोचना की, जो कांग्रेस शासन के दौरान माओवादी अत्याचारों को छिपाते थे।


माओवादी हिंसा का प्रभाव

पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 50 वर्षों में माओवादी हिंसा के कारण भारत के कई क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल और बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाईं। उन्होंने उन माताओं का दर्द साझा किया जिन्होंने नक्सल हिंसा में अपने बेटों को खोया।


प्रगति की खुशी

प्रधानमंत्री ने बताया कि पहले 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, लेकिन अब केवल 11 जिले बचे हैं, जिनमें से तीन अति संवेदनशील हैं।


नक्सलियों का आत्मसमर्पण

उन्होंने कहा कि हाल ही में 303 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें बड़े नक्सली भी शामिल हैं। यह दिखाता है कि पूर्व नक्सली अब हिंसा छोड़कर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर भरोसा कर रहे हैं।


बस्तर में बदलाव

मोदी ने बस्तर जैसे क्षेत्रों में बदलाव की बात की, जहां अब आदिवासी बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दीपावली, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उत्सव बिना डर के मनाया जाएगा।


भारत का भविष्य

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत नक्सली आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा, और इसे उन्होंने अपनी व्यक्तिगत गारंटी बताया।