प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर आत्मनिर्भरता का संदेश
आत्मनिर्भरता: एक राष्ट्र की पहचान
एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्मनिर्भरता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया। उनका यह संबोधन न केवल भारत में बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भी महत्वपूर्ण था, खासकर उन देशों के लिए जो भारत पर दबाव बना रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम लिए बिना स्पष्ट संदेश दिया कि वे किसी भी वर्ग के हितों की अनदेखी करके समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता ही एक राष्ट्र की पहचान है और यह विकसित भारत का आधार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति को स्पष्ट संदेश
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को यह संदेश दिया कि भारत टैरिफ के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने का आश्वासन दिया और कहा कि वे किसी भी गलत नीति के खिलाफ खड़े रहेंगे।
किसान, पशुपालक और मछुआरे हमारी प्राथमिकता हैं। कोई भी नीति जो उनके हितों को खतरे में डालती है, उसके खिलाफ मोदी खड़े रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आयात और निर्यात तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सामर्थ्य से जुड़ी हुई है।
आगामी 10 वर्ष: एक महत्वपूर्ण समय
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने एक संकल्प लिया है और इसके लिए देशवासियों का आशीर्वाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में, यानी 2035 तक, देश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे और किसी भी तकनीकी चुनौती का सामना करने के लिए हमारी तकनीक सक्षम हो।