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प्रधानमंत्री मोदी का हरियाणा दौरा: गुरु तेग बहादुर की शहादत का सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को हरियाणा में गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की वर्षगांठ समारोह में शामिल होंगे। इस दौरे का उद्देश्य गुरु तेग बहादुर की विरासत का सम्मान करना और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है। पीएम मोदी महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा करेंगे और इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भी भाग लेंगे। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और क्या खास होने वाला है।
 

प्रधानमंत्री का हरियाणा दौरा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को हरियाणा में कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए जा रहे हैं। उनका यह दौरा गुरु तेग बहादुर की विरासत को सम्मानित करने और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है।


गुरु तेग बहादुर की तपस्या और बलिदान के संदेश को फैलाने के लिए हरियाणा सरकार और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ज्योतिसर में गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस विशेष समारोह में शामिल होंगे।


समारोह के बाद, पीएम मोदी महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा करेंगे, जिसे जल्द ही देश-विदेश के पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इसके साथ ही, वे पंचजन्य का उद्घाटन भी करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भाग लेंगे और महा आरती में भी शामिल होंगे।


25 नवंबर को शहीदी दिवस पर एक 'समागम' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य सरकार गुरु और अन्य महान व्यक्तियों की शिक्षाओं और बलिदानों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


उन्होंने कहा कि सरकार ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को बड़े सम्मान के साथ मनाया और अब गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस भी मनाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य का उद्देश्य है कि गुरुओं की कुर्बानियों और उनके मानवता के प्रति योगदान के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन प्रेरणाओं से सीख सकें।


उन्होंने यह भी बताया कि सिख गुरु तेग बहादुर ने धर्म, इंसानियत और देश की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया है, वह एक ऐसी विरासत है जिसे सभी के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य की पीढ़ियां इस गहरे इतिहास से प्रेरणा ले सकें।