प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा: भारत-त्रिनिदाद संबंधों में नई दिशा
भारत-त्रिनिदाद एंड टोबैगो के रिश्तों में नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा ने भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच संबंधों को एक नई दिशा दी है। पोर्ट ऑफ स्पेन में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद, दोनों देशों ने स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि अनुसंधान और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
ऐतिहासिक यात्रा का महत्व
यह यात्रा 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जिसे त्रिनिदाद एंड टोबैगो की सरकार ने ऐतिहासिक बताया। पीएम मोदी ने इसे भारत-त्रिनिदाद के विशेष संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
समझौतों के प्रमुख क्षेत्र
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने निम्नलिखित छह क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं:
1. फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा
2. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
3. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और UPI
4. रक्षा सहयोग और क्षमता निर्माण
5. जनसंपर्क, योग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
6. त्वरित प्रभाव परियोजनाएं और डिप्लोमैटिक ट्रेनिंग
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो की दोस्ती को एक नई गति मिली है। टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, फार्मा, कृषि रिसर्च और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में असीम संभावनाएं हैं।" उन्होंने वहां के नेताओं और जनता का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए आभार भी व्यक्त किया।
सामरिक साझेदारी में वृद्धि
प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में, दोनों नेताओं ने रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल इंडिया, यूपीआई इंटीग्रेशन, और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंज जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया गया।
भारतीय मूल के लोगों के लिए OCI कार्ड
त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों की छठी पीढ़ी को OCI (Overseas Citizenship of India) कार्ड देने का निर्णय लिया गया है। यह कदम दोनों देशों के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
भारत आने का निमंत्रण
पीएम मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह दौरा 1962 में स्थापित राजनयिक संबंधों को और गहरा बनाने का अवसर है।
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा, "प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच विशेष और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूती प्रदान करती है। दोनों देशों ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहराई से चर्चा की है।"