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प्रधानमंत्री मोदी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा: जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यात्रा की। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया, जहां भारतीय समुदाय ने उन्हें सम्मानित किया। मोदी ने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का इरादा जताया है, जिसमें सहयोग को मजबूत करने और विकास की आवश्यकताओं को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस यात्रा के दौरान, वे विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। जानें इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भारत की भूमिका और दृष्टिकोण के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का जोहानिसबर्ग आगमन


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया, जहां भारतीय समुदाय और स्थानीय नागरिकों ने रनवे पर लेटकर उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान, पीएम मोदी छठे आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।


जी20 शिखर सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण

भारत का दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया कि वे वैश्विक मुद्दों पर दुनिया के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। उनका मुख्य ध्यान सहयोग को मजबूत करना, विकास की आवश्यकताओं को आगे बढ़ाना और सभी के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना है। मोदी ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण 'वसुधैव कुटुंबकम' और 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भावना पर आधारित होगा।


द्विपक्षीय बैठकें

द्विपक्षीय चर्चाएँ
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी कुछ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इन बैठकों में व्यापार, आर्थिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। अफ्रीका में आयोजित जी20 सम्मेलन मोदी के लिए वैश्विक नेतृत्व और देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।




जी20 समूह की संरचना

जी20 समूह और सदस्य देश
जी20 समूह में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं, जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और अफ्रीकी संघ शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित यह जी20 का चौथा शिखर सम्मेलन है। इस यात्रा और शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारत वैश्विक मंच पर अपनी रणनीतिक साझेदारी और विकास प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।