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प्रधानमंत्री मोदी ने कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन किया, नई प्रशासनिक केंद्र की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन किया, जो अब देश के प्रमुख मंत्रालयों का नया केंद्र बनेगा। इस भवन के उद्घाटन के साथ, मोदी ने पुराने प्रशासनिक ढांचे की खामियों को उजागर किया और बताया कि यह बदलाव भारत के विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कर्तव्य भवन-03 में कई मंत्रालय एक छत के नीचे काम करेंगे, जिससे सरकारी खर्च में कमी आएगी। जानें इस नई इमारत की विशेषताएं और इसके महत्व के बारे में।
 

प्रधानमंत्री का उद्घाटन समारोह

दिल्ली के कर्तव्य पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'कर्तव्य भवन-03' का उद्घाटन किया, जो अब देश के प्रमुख मंत्रालयों का नया केंद्र बनेगा. इस अवसर पर पीएम मोदी ने पुराने प्रशासनिक ढांचे की कमियों को उजागर करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद भी सरकारें ब्रिटिश काल की इमारतों में ही काम करती रहीं. उन्होंने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर किराए की इमारतों में चल रहे मंत्रालयों के कारण केंद्र को हर साल ₹1,500 करोड़ का खर्च उठाना पड़ रहा था, जो अब समाप्त होगा.


औपनिवेशिक विरासत से बाहर निकलने का समय

पीएम मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम औपनिवेशिक विरासत से बाहर निकलें. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण इकाई लगभग 100 वर्षों से एक ऐसी बिल्डिंग में काम कर रही थी, जहां न रोशनी थी, न हवा, न ही पर्याप्त जगह. यह बदलाव केवल एक नई इमारत नहीं है, बल्कि यह भारत के 'विकसित राष्ट्र' बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पीएम ने भगवद्गीता का संदर्भ देते हुए कहा कि हमें अपने कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, परिणाम अपने आप आएंगे.


एक छत के नीचे मंत्रालयों का समावेश

एक छत के नीचे आएंगे मंत्रालय

कर्तव्य भवन-03 में अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, डीओपीटी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय कार्य करेगा. पहले ये मंत्रालय दिल्ली के करीब 50 अलग-अलग स्थानों पर फैले हुए थे, जिनमें से अधिकांश किराए की इमारतों में थे. इस कारण से न केवल कामकाज बिखरा हुआ था बल्कि किराए के रूप में सरकारी खजाने पर सालाना बोझ भी था.


पुरानी इमारतों का नवीनीकरण

पुरानी इमारतें और नई योजनाएं

वर्तमान में कई मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से संचालित होते हैं, जो 1950-70 के दशक की हैं और अब संरचनात्मक रूप से कमजोर मानी जा रही हैं. इसके समाधान के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 'कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट' योजना के तहत 10 नई इमारतें बनाने का निर्णय लिया है. इनमें से दो भवन अगले महीने तक और एक अन्य अप्रैल 2026 तक तैयार हो जाएगा. निर्माण के दौरान मंत्रालयों को अस्थायी रूप से नई जगहों पर स्थानांतरित किया जाएगा.


कर्तव्य भवन की विशेषताएं

कर्तव्य भवन की विशेषताएं

कर्तव्य भवन-03 का प्लिंथ एरिया 1.5 लाख वर्ग मीटर है, जिसमें 40,000 वर्ग मीटर का बेसमेंट और 600 कारों की पार्किंग क्षमता है. भवन में क्रेच, योग कक्ष, मेडिकल रूम, कैफे, किचन और एक बहुपरकारी हॉल जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं. साथ ही, इसमें 24 बड़े कांफ्रेंस रूम (45 सीटों वाले), 26 छोटे कांफ्रेंस रूम (25 सीटों वाले), 67 मीटिंग रूम और 27 लिफ्टें हैं. प्रधानमंत्री ने भवन का दौरा किया और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास ने उन्हें भवन की विशेषताओं की जानकारी दी.