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प्रधानमंत्री मोदी ने दाहोद में लोको निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दाहोद में लोको निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया, जहां 9,000 हॉर्सपावर के अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण होगा। यह केंद्र 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' अभियानों को बढ़ावा देगा। इन इंजनों की विशेषताएँ उन्हें भारी माल को आसानी से ले जाने में सक्षम बनाती हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा। इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। जानें इस केंद्र की अन्य विशेषताओं के बारे में।
 

दाहोद में लोको निर्माण केंद्र का उद्घाटन


गुजरात समाचार : हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दाहोद में स्थित रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप में लोको निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया। यह वर्कशॉप एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यहां 9,000 हॉर्सपावर क्षमता वाले 1,200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा। इससे 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' अभियानों को बढ़ावा मिलेगा।


इंजनों की विशेषताएँ

इस वर्कशॉप में निर्मित 9,000 हॉर्सपावर वाले ये इंजन 4,500 से 5,000 टन तक के भारी माल को तीव्र चढ़ाई पर भी आसानी से ले जाने में सक्षम हैं। इससे मालवाहन परिवहन में एक नई क्रांति आएगी। मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित ये इंजन IGBT-आधारित प्रणोदन तकनीक से सुसज्जित हैं, जो ऊर्जा दक्षता और संचालन प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। ये विशेषताएँ भारतीय रेल को आधुनिक, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल मालवाहन लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगी।


भारत का सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन

यह सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है

9000 हॉर्सपावर की यह लोकोमोटिव भारतीय रेल द्वारा विकसित सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक इंजन है। पहले, मालवाहक इंजन आमतौर पर 4500 या 6000 हॉर्सपावर की क्षमता वाले होते थे। हालांकि, 12,000 हॉर्सपावर के इंजन भी मौजूद हैं, जो दो 6000 हॉर्सपावर इकाइयों को जोड़कर बनाए जाते हैं।


लॉजिस्टिक्स में सुधार

दाहोद में निर्मित यह इंजन एकीकृत उच्च-शक्ति समाधान प्रदान करता है, जो लंबे और भारी माल गाड़ियों को आसानी से खींच सकता है। इससे कम ट्रिप्स में अधिक माल परिवहन संभव होगा, जिससे समय की बचत, भीड़भाड़ में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता सुनिश्चित होती है। इससे रेल यातायात भी अनुकूलित होगा, जिससे व्यस्त मार्गों पर दबाव घटेगा।


वैश्विक रेल निर्माण में भारत की स्थिति

वैश्विक रेल निर्माण बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान करती है

2022 में, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रेलवे निर्माण के एक नए केंद्र के रूप में पुनः स्थापित करने का दृष्टिकोण रखा था। आज यह दृष्टिकोण साकार हो रहा है। लोको निर्माण केंद्र भारतीय रेल के लिए ब्रॉड गेज और निर्यात के लिए स्टैंडर्ड गेज दोनों प्रकार के इंजन बनाने में सक्षम है।


हरित ऊर्जा और सुरक्षा

9000 हॉर्सपावर इंजन का निर्माण हरित ऊर्जा से संचालित फैक्ट्री में होता है, जिसे ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग टैग मिला है। इसमें पुनर्योज्य ब्रेकिंग तकनीक भी है, जो ब्रेक लगने पर ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजती है। इसके अलावा, इंजन में 'कवच' प्रणाली, वातानुकूलित ड्राइवर केबिन, कम शोर और कंपन जैसी विशेषताएँ हैं, जो सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करती हैं।


स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार

दाहोद सुविधा की एक प्रमुख विशेषता कौशल विकास पर ज़ोर है। एक वर्चुअल डिजिटल मॉडल विकसित किया गया है, जो मैकेनिकों और ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने में सहायता करता है। इस परियोजना से जुड़े अवसंरचना विकास के तहत 85% नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिलने का दावा किया गया है।


भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार

9000 हॉर्सपावर इंजन मालवाहन परिवहन की एक नई प्रणाली का केंद्र बनने जा रहा है। इसकी शक्ति, दक्षता और डिजाइन भारतीय रेल को अधिक प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए बेहतर सुसज्जित बनाएंगे।