प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का किया आह्वान
प्रधानमंत्री का स्वदेशी उत्पादों पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के संदर्भ में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे किसानों, लघु उद्योगों और युवाओं के रोजगार का हित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि अब हम उन उत्पादों को प्राथमिकता देंगे, जिनके निर्माण में किसी भारतीय का श्रम शामिल है।
वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब हम आर्थिक विकास की बात कर रहे हैं, तो हमें वैश्विक परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए। वर्तमान में, विश्व की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में देशों को अपने हितों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। भारत भी जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए हमें अपने आर्थिक हितों के प्रति सजग रहना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में प्रयासरत है, लेकिन नागरिकों को भी अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। यह केवल मोदी की बात नहीं है, बल्कि हर भारतीय को इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
मोदी ने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की कि वे देशहित में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि हमें उन वस्तुओं को खरीदना चाहिए, जो भारतीय श्रम से निर्मित हैं। 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र अपनाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने व्यापारियों से भी स्वदेशी उत्पादों को बेचने का आग्रह किया और कहा कि यह देश की सच्ची सेवा है। त्योहारों और शादियों के मौसम में स्वदेशी वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इसके अलावा, मोदी ने किसानों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में किसानों के लिए की गई घोषणाएं पूरी नहीं होती थीं, लेकिन भाजपा सरकार अपने वादों को निभा रही है।
उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि का उदाहरण देते हुए कहा कि इस योजना के तहत अब तक लगभग चार लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के किसानों को 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली है।
मोदी ने योजना की पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि धन सीधे किसानों के खातों में पहुंचता है, बिना किसी बिचौलिए के। उन्होंने कहा कि सरकार का विकास मंत्र है कि जो जितना पिछड़ा है, उसे उतनी ही प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में मंजूर की गई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का भी उल्लेख किया, जिसमें 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका मुख्य ध्यान उन पिछड़े जिलों पर होगा जहां कृषि उत्पादन कम है।
महिलाओं की कृषि अर्थव्यवस्था में भागीदारी बढ़ाने के लिए 'लखपति दीदी' अभियान का भी जिक्र किया, जिसका लक्ष्य तीन करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना है।
उन्होंने जनधन योजना के 10 साल पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 55 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए हैं। अब केवाईसी प्रक्रिया को फिर से पूरा करना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने काशी सांसद प्रतियोगिता से संबंधित वेबसाइट और पंजीकरण पोर्टल का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं कौशल विकास में मदद करेंगी।
इस अवसर पर, राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत काशी के दो हजार दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से कुछ लाभार्थियों को उपकरण दिए।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित थे।