प्रयागराज का मक्का अब ताइवान में करेगा निर्यात, किसानों को मिलेगा लाभ
प्रयागराज का मक्का ताइवान में फैलाएगा अपनी खुशबू
लखनऊ। प्रयागराज, जिसे कुंभनगरी और संगमनगरी के नाम से भी जाना जाता है, अब ताइवान में अपने मक्के की खुशबू बिखेरने के लिए तैयार है। यहां के मक्के से बने पॉपकॉर्न का स्वाद विदेशी भी लेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार इस समय मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है। जानकारी के अनुसार, प्रयागराज ने ताइवान को मक्का निर्यात करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुंबई के एक निर्यातक ने फूलपुर किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड को ताइवान को मक्का निर्यात करने का प्रस्ताव दिया है। इस एफपीओ के प्रमुख उमेश पटेल, जो खुद मक्का किसान हैं, ने बताया कि देश में मक्का की कीमत 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि ताइवान को यह 8,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से निर्यात किया जाएगा। उन्होंने इसे किसानों के लिए लाभकारी बताया। इस एफपीओ में 221 महिलाओं सहित कुल 613 किसान सदस्य हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इस एफपीओ के सदस्यों के साथ प्रयागराज के प्रमुख मक्का उत्पादक क्षेत्र श्रृंगवेरपुर के किसानों को मिलाकर मक्के की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एफपीओ ताइवान के खरीदारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्यात गुणवत्ता मानकों का ध्यान रखते हुए बीज वितरित करने की योजना बना रहा है।
जानकारी के अनुसार, ताइवान बड़ी मात्रा में मक्का का आयात अन्य देशों से करता है। भारतीय मक्के की प्रतिस्पर्धी कीमतों को देखते हुए ताइवान भारत से अपने आयात को बढ़ा रहा है। पहले, 18,000 टन मक्का ताइवान को भेजा गया था। उत्तर प्रदेश सरकार कृषि के क्षेत्र में अन्य राज्यों की तुलना में एक कदम आगे है। प्रदेश सरकार ने मक्का उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें एमएसपी पर मक्के की खरीद और त्वरित मक्का विकास योजना शामिल हैं।
इसके अलावा, प्रदेश सरकार मक्के के बीज पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है। संगमनगरी के किसान 1,461 हेक्टेयर में मक्का की फसल उगाते हैं। पिछले वर्ष, प्रयागराज ने प्रदेश के कुल मक्का उत्पादन में 4,418 मीट्रिक टन का योगदान दिया था।