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प्राची पटेल: गांव की पहली डॉक्टर बनने की ओर बढ़ती एक प्रेरणादायक कहानी

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले की प्राची पटेल ने कोटा की शिक्षा योजना के तहत डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया है। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने नीट-2025 में अच्छे अंक प्राप्त किए और रीवा के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया। प्राची की कहानी न केवल उनकी मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा भी है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही हैं। जानें उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
 

कोटा की शिक्षा योजना से मिली सफलता

कोटा समाचार: मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले के नौड़िया गांव की प्राची पटेल अब अपने गांव की पहली डॉक्टर बनने की दिशा में अग्रसर हैं। उनकी मेहनत के फलस्वरूप उन्हें कोटा की शिक्षा योजना में चयनित किया गया है, जिसके तहत उन्हें मुफ्त में पढ़ाई, रहने और खाने की सुविधाएं प्रदान की गईं। प्राची ने नीट-2025 में 720 में से 467 अंक प्राप्त किए, जिससे उन्हें रीवा के राजकीय श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला है।


कठिनाइयों से भरा सफर

प्राची का परिवार आर्थिक तंगी से जूझता रहा है और वे तीन बीघा जमीन पर खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं। बरसात में उनका घर टपकने लगता है और बिजली-पानी की समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। इन कठिनाइयों के बावजूद, प्राची ने 10वीं में 96.8% और 12वीं में 86.8% अंक प्राप्त किए। नीट की तैयारी के लिए परिवार के पास साधन नहीं थे, लेकिन कोटा की स्कॉलरशिप योजना ने उनके सपने को साकार किया। कोटा आने पर उनके पिता ने उन्हें केवल 5 हजार रुपए दिए, और सालभर में उन्हें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ा, जिससे 2 हजार रुपए भी बच गए।


शिक्षकों का योगदान

प्राची का कहना है, "कोटा जैसे शिक्षक कहीं और नहीं मिल सकते। क्लास या डाउट काउंटर, हर जगह शिक्षकों ने मेरा पूरा साथ दिया। मेरी सफलता उन्हीं को समर्पित है।" प्राची के चयन के बाद पूरे नौड़िया गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों का मानना है कि प्राची अब उन बेटियों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती हैं।