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प्रियंका गांधी और नितिन गडकरी की संसद में अनौपचारिक मुलाकात

संसद में प्रियंका गांधी वाड्रा और नितिन गडकरी के बीच हुई अनौपचारिक मुलाकात ने राजनीतिक संवाद का एक नया उदाहरण पेश किया। इस बैठक में वायनाड की सड़क और कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई, जिसमें गडकरी ने मजाकिया अंदाज में अपनी बात रखी। दोनों नेताओं के बीच का संवाद बिना किसी तीखेपन के था, जो विकास के मुद्दों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बातचीत का संकेत देता है। इस मुलाकात का अंत एक विशेष डिश के साथ हुआ, जिसने इसे और भी यादगार बना दिया।
 

संसद में अनोखी मुलाकात


नई दिल्ली: संसद भवन में गुरुवार को एक दिलचस्प राजनीतिक मंजर देखने को मिला, जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।


वायनाड की सड़क समस्याओं पर चर्चा

प्रियंका गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड की सड़क और कनेक्टिविटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गडकरी के कार्यालय का दौरा किया। उन्होंने खराब सड़कों, संपर्क मार्गों और यातायात की समस्याओं का उल्लेख किया और मंत्री के सामने छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा। प्रियंका ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी स्थानीय निवासियों के लिए आवश्यक है और यह पर्यटन तथा व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण है।


गडकरी का हास्यपूर्ण अंदाज

बैठक के दौरान नितिन गडकरी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा, 'पहले राहुल गांधी से अमेठी की सड़कों पर बात हुई थी, उनका काम किया। अब अगर आपका नहीं करूंगा तो लोग कहेंगे कि भाई का काम किया, बहन का नहीं।' इस मजेदार टिप्पणी पर सभी ने ठहाके लगाए और प्रियंका भी मुस्कुराईं। यह पल संसद की गंभीरता के बीच एक सहज संवाद का उदाहरण बन गया।


केंद्र और राज्य के मुद्दे

गडकरी ने स्पष्ट किया कि प्रियंका द्वारा सुझाई गई कुछ परियोजनाएं राज्य सरकार के दायरे में आती हैं, जिन पर केंद्र सीधे निर्णय नहीं ले सकता। हालांकि, केंद्र सरकार से संबंधित योजनाओं पर उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया। प्रियंका ने आत्मविश्वास से कहा कि यदि यह राज्य का विषय है, तो कोई बात नहीं, 'जब केरल में हमारी सरकार आएगी, तब इन्हें देख लेंगे।'


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राजनीति से परे संवाद

इस बातचीत में किसी भी प्रकार की तीखापन या आरोप-प्रत्यारोप नहीं था। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की बातों को ध्यान से सुना। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि यह बैठक दर्शाती है कि विकास के मुद्दों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संवाद संभव है। संसद के भीतर यह दृश्य कई सांसदों के लिए चर्चा का विषय बन गया।


यादगार मुलाकात का अंत

बैठक के अंत में नितिन गडकरी ने प्रियंका गांधी को बिना कुछ खाए जाने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि आज ही यूट्यूब देखकर चावल की एक खास डिश बनवाई गई है। गडकरी ने आग्रह किया कि सभी सांसद इसे जरूर चखें। दिलचस्प बात यह रही कि डिश का नाम किसी को याद नहीं रहा, लेकिन उसका स्वाद और माहौल सबको यादगार रह गया।