फगवाड़ा में साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़
पुलिस की कार्रवाई से खुलासा
कपूरथला जिले के फगवाड़ा में पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह फगवाड़ा के पलाही रोड पर स्थित एक होटल और रिसॉर्ट से संचालित हो रहा था। बृहस्पतिवार की रात को इस गिरोह के खिलाफ छापेमारी की गई, जिसमें साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कपूरथला और फगवाड़ा सिटी पुलिस ने मिलकर 39 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस दौरान 40 लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन और 10 लाख रुपये नकद भी बरामद किए। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, ये आरोपी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, नगालैंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र के निवासी हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह अमेरिका और कनाडा में लोगों को सॉफ्टवेयर समाधान देने के बहाने ठगी कर रहा था। वे लोगों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हैक कर लेते थे। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि इस रैकेट का संचालन अमरिंदर सिंह उर्फ साबी टोहरी कर रहा था, जिसने अवैध कॉल सेंटर स्थापित किया था। इस कॉल सेंटर का संचालन दिल्ली के साउथ एवेन्यू निवासी जसप्रीत सिंह और साजन मदान कर रहे थे। दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, धोखाधड़ी और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस अब बड़े नेटवर्क और धन के लेन-देन के स्रोतों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।
यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में पुलिस ने फगवाड़ा में गौ हत्या और गौ मांस की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भी भंडाफोड़ किया था। पुलिस की यह सफलता समाज के लिए राहत और चिंता का विषय है। फगवाड़ा जैसे सक्रिय शहर में इस तरह के बड़े स्तर पर गिरोहों का सक्रिय रहना और स्थानीय लोगों को इसकी भनक न लगना चिंताजनक है।
फगवाड़ा के निवासी राजनीतिक और धार्मिक रूप से जागरूक हैं। लेकिन गौ मांस की तस्करी और अब साइबर धोखाधड़ी के मामलों के सामने आने से फगवाड़ावासियों को और अधिक सतर्क रहना होगा। उन्हें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर समाज और देश विरोधी गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए ताकि फगवाड़ा की छवि को सुरक्षित रखा जा सके।
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।