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फरीदाबाद में एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए 8,000 घरों का होगा ध्वस्तीकरण

फरीदाबाद में एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के लिए सरकार ने 8,000 घरों को गिराने का निर्णय लिया है। पुनर्वास विभाग ने मकान मालिकों को 10 जुलाई तक घर खाली करने का निर्देश दिया है। यदि समय सीमा में घर नहीं छोड़े गए, तो विभाग खुद कब्जा खाली कराएगा। स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वे पिछले 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं। विधायक ने आश्वासन दिया है कि वे किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होने देंगे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और स्थानीय लोगों की चिंताएं।
 

पुनर्वास विभाग ने 10 जुलाई तक घर खाली करने का दिया अल्टीमेटम


फरीदाबाद, हरियाणा में एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के लिए सरकार ने 8,000 घरों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया है। पुनर्वास विभाग ने मकान मालिकों को नोटिस जारी कर 10 जुलाई तक घर खाली करने का निर्देश दिया है। यदि समय सीमा के भीतर घर नहीं छोड़े गए, तो विभाग खुद ही कब्जा खाली कराएगा। यह मामला एनआईटी क्षेत्र के नेहरू कॉलोनी से संबंधित है, जहां लगभग 8,000 मकान हैं और लाखों लोग निवास करते हैं।


सरकार का दावा, अवैध कब्जा

सरकार का कहना है कि इन मकानों का निर्माण अवैध रूप से पुनर्वास विभाग की 60 एकड़ जमीन पर किया गया है। नोटिस मिलने के बाद, यहां रहने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं और चुनावों में वोट भी डालते हैं। विधायक धनेश अदलखा ने आश्वासन दिया है कि वे किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होने देंगे।


जाम की समस्या का समाधान

फरीदाबाद में मेट्रो चौक से सैनिक कॉलोनी रोड तक जाम की समस्या को हल करने के लिए एलिवेटेड फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। यह फ्लाईओवर मेट्रो चौक से शुरू होकर एनआईटी तीन होते हुए सैनिक कॉलोनी मोड़ तक जाएगा। इससे गुरुग्राम जाने वाले यात्री लाभान्वित होंगे।


सरेंडर नोटिस और समय सीमा

26 जून को पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह ने नेहरू कॉलोनी के निवासियों को मकान सरेंडर करने का नोटिस जारी किया था। नोटिस में 15 दिनों का समय दिया गया है। यदि समय पर कब्जा नहीं छोड़ा गया, तो 10 जुलाई से विभाग खुद ही कब्जा खाली कराएगा।


स्थायी निवासियों की चिंताएं

नेहरू कॉलोनी में रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि उनका परिवार पिछले 50 वर्षों से यहां रह रहा है। प्रशासन ने उन्हें बिजली और पानी की सुविधाएं दी हैं और उनका राशन कार्ड भी बना है। वे अपने घर का टैक्स भी भरते हैं। उनका सवाल है कि यदि प्रशासन को उनके घर तोड़ने थे, तो पहले उन्हें बसने क्यों दिया गया?


सरकार की जानकारी

पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह ने कहा कि उच्च अधिकारियों को इस मामले की पूरी जानकारी है। उनके आदेश तक कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। पहले भी इन कब्जाधारियों को मौखिक चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।