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फरीदाबाद में कार्टिलेज डिफेक्ट के मरीजों की बढ़ती संख्या पर सेमिनार

फरीदाबाद में आयोजित एक सेमिनार में डॉ. राकेश कुमार ने कार्टिलेज डिफेक्ट के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि युवाओं, विशेषकर खिलाड़ियों में इस समस्या की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। सेमिनार में यह भी बताया गया कि प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी करने से समस्या गंभीर हो सकती है। डॉ. राकेश ने नियमित जांच और फिजियोथेरेपी के महत्व पर जोर दिया।
 

फरीदाबाद में कार्टिलेज डिफेक्ट पर जागरूकता सेमिनार


फरीदाबाद, ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-86 में स्थित एकॉर्ड अस्पताल ने नीलम बाटा रोड पर डिलाइट होटल में एक सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में आर्थोपेडिक विभाग के निदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में युवाओं, विशेषकर खिलाड़ियों में कार्टिलेज डिफेक्ट की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी है। मरीज अक्सर प्रारंभिक लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे समस्या गंभीर हो जाती है।


कार्टिलेज का महत्व


डॉ. राकेश ने बताया कि कार्टिलेज हमारे जोड़ों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब यह घिसने या क्षतिग्रस्त होने लगता है, तो चलने, दौड़ने या खेल गतिविधियों में कठिनाई उत्पन्न होती है। यह समस्या मुख्यतः घुटनों, टखनों और कूल्हों में देखी जाती है, लेकिन अधिकांश लोग इसे हल्के दर्द के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं।


उन्होंने कहा कि लोगों को घुटनों, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द को अनदेखा नहीं करना चाहिए और समय पर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। खेल से जुड़े युवाओं को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। नियमित जांच और फिजियोथेरेपी से इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है।