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फरीदाबाद में कुत्तों के विवाद ने ली एक व्यक्ति की जान

फरीदाबाद के एसजीएम नगर में एक सफाई कर्मचारी की आत्महत्या का मामला सामने आया है, जो कुत्तों के विवाद के कारण हुआ। मृतक के बेटे ने पड़ोसी पर आरोप लगाया है कि उनके पालतू कुत्तों के कारण उनके पिता मानसिक तनाव में थे। प्रशासनिक लापरवाही और शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से स्थिति और बिगड़ गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
 

कुत्तों के कारण हुई आत्महत्या

फरीदाबाद के एसजीएम नगर में एक व्यक्ति की आत्महत्या का मामला सामने आया है, जो कुत्तों के विवाद के कारण हुआ। जगन नामक सफाई कर्मचारी ने शुक्रवार सुबह आत्महत्या कर ली। मृतक के बेटे कपिल ने पड़ोसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पालतू कुत्तों के कारण उनके पिता ने यह कदम उठाया।


कपिल ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पड़ोसी खुशीराम के पांच कुत्ते अक्सर बिना पट्टे के घूमते थे, जिससे जगन की बाइक और स्कूटर की सीटें फट गईं और कूड़ा बिखर गया। जगन ने कई बार खुशीराम से अनुरोध किया कि वह अपने कुत्तों को नियंत्रित करे, लेकिन हर बार बहस होती रही और खुशीराम ने बदतमीजी से पेश आया। यह स्थिति जगन के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही थी।


प्रशासनिक लापरवाही का आरोप

शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई


कपिल के अनुसार, उनके पिता ने इस मामले में एनएच-3 एनआईटी पुलिस पोस्ट और फरीदाबाद नगर निगम में भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे उनके पिता का मानसिक तनाव और बढ़ गया। कपिल ने प्रशासनिक लापरवाही और पड़ोसी की अनदेखी को उनके पिता की आत्महत्या का कारण बताया।


पुलिस ने मामला दर्ज किया

पुलिस की कार्रवाई


यह घटना शुक्रवार सुबह लगभग 5:30 बजे हुई, और पुलिस को सुबह 7:20 बजे सूचना दी गई। जगन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। एसजीएम नगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रणबीर सिंह ने बताया कि आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन आरोपी को बयान के लिए बुलाया जाएगा।


इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि खुशीराम केवल पालतू कुत्तों को नहीं, बल्कि आवारा कुत्तों को भी खाना खिलाता था, जिससे उनके घर के आसपास कुत्तों की संख्या बढ़ गई थी। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कुत्तों के कारण जगन परेशान थे, और दलित होने के कारण मामला एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी।