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फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर गिरफ्तार, दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध भी हिरासत में

फरीदाबाद में डॉ. शाहीना, जो जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमान संभाल रही थीं, को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें भारत में महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने का कार्य सौंपा गया था। साथ ही, दिल्ली ब्लास्ट मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
 

फरीदाबाद में गिरफ्तारी

नई दिल्ली: फरीदाबाद से गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीना (Dr Shaheena) को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की महिला शाखा 'जमात-उल-मोमिनात' (Jamat-ul-Mominat) का नेतृत्व सौंपा गया था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, शाहीना का कार्य भारत में महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ना और संगठन में भर्ती करना था। यह महिला विंग जैश की नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें महिलाओं को मनोवैज्ञानिक युद्ध, प्रचार और फंडिंग जैसे कार्यों में शामिल किया जा रहा है।


संगठन की संरचना

इस संगठन का नेतृत्व पाकिस्तान में मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही हैं। सादिया का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक मामले में एक प्रमुख मास्टरमाइंड था। जैश ने महिलाओं को धार्मिक जिम्मेदारियों और जिहाद के नाम पर जोड़ने की योजना बनाई है, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण देकर संगठन के मिशन में शामिल किया जा रहा है। भारत में डॉ. शाहीना जैसे व्यक्तियों के माध्यम से इस नेटवर्क को फैलाने की योजना थी।


दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध

दिल्ली ब्लास्ट मामले में 3 संदिग्ध हिरासत में

हिरासत में लिए गए तीनों संदिग्ध पुलवामा जिले के निवासी हैं। तारिक अहमद मलिक (पुत्र गुलाम अहमद मलिक) एटीएम गार्ड है। आमिर राशिद (पुत्र एबी राशिद मीर, वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति, तारिक का सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा था) और उमर राशिद (पुत्र एबी राशिद मीर) हैं। आमिर और उमर दोनों भाई हैं। जानकारी के अनुसार, तारिक अहमद और आमिर राशिद को श्रीनगर लाया गया है, जबकि उमर राशिद अभी पम्पोर पुलिस स्टेशन में है और उससे पूछताछ जारी है।


कार ब्लास्ट का संदिग्ध

कार ब्लास्ट में मारे गए संदिग्ध का नाम डॉ. उमर यू नबी है। वह फरीदाबाद मेडिकल कॉलेज (Faridabad Medical College) में पढ़ाते थे और डॉ. आदिल के सहयोगी थे। यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार का मालिक तारिक (जिसकी पहचान तारिक अहमद मलिक के रूप में हुई है) ने यह कार कथित तौर पर डॉ. उमर को दी थी। डॉ. उमर को हाल ही में भंडाफोड़ हुए फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से भी जोड़ा जा रहा है।