फरीदाबाद में फर्जी डॉक्टर का भंडाफोड़: 50 से अधिक हार्ट सर्जरी करने का मामला
फर्जी डॉक्टर का खुलासा
फरीदाबाद के जिला नागरिक अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सामान्य MBBS डॉक्टर, पंकज मोहन शर्मा, ने खुद को हृदय रोग विशेषज्ञ बताकर 50 से अधिक हार्ट सर्जरी कीं।
मामले का पता कैसे चला
यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब एक मरीज अपनी बिगड़ती हालत के चलते असली कार्डियोलॉजिस्ट के पास पहुंचा। पंकज मोहन शर्मा ने प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज मोहन के रजिस्ट्रेशन नंबर का दुरुपयोग कर अस्पताल के हार्ट केयर सेंटर में नौकरी प्राप्त की थी।
मरीजों की स्थिति गंभीर
इस दौरान कई मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई, और कुछ की मृत्यु भी हो गई। इस मामले में सेंटर प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, और जांच जारी है। यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में विश्वास को ठेस पहुंचाती है और मरीजों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है।
शर्मा की कार्यकाल और अनियमितताएँ
पंकज मोहन शर्मा ने जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक फरीदाबाद के हार्ट केयर सेंटर में काम किया। यह सेंटर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत 2018 से संचालित हो रहा है, लेकिन पहले से ही अनियमितताओं के आरोपों से घिरा हुआ था।
रजिस्ट्रेशन नंबर का दुरुपयोग
शर्मा ने असली कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पंकज मोहन के रजिस्ट्रेशन नंबर 2456 का गलत इस्तेमाल किया, जबकि उनका अपना रजिस्ट्रेशन नंबर 28482 केवल सामान्य MBBS डिग्री के लिए था। उन्होंने अपनी स्टैंप पर भी 'कार्डियोलॉजिस्ट' लिखवाकर मरीजों के इलाज के लिए पर्चियां जारी कीं।
मामले की गंभीरता
जब अधिवक्ता संजय गुप्ता ने उनकी योग्यता पर सवाल उठाए, तो शर्मा ने सेंटर जाना बंद कर दिया और बाद में असली डॉ. पंकज मोहन से लिखित माफी मांगी। यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब कुछ मरीज, जिनका शर्मा ने इलाज किया था, असली कार्डियोलॉजिस्ट के क्लिनिक पर पहुंचे।
परिजनों का आक्रोश
पलवल के हथीन उपमंडल के मडनाका गांव के राजा राम ने बताया कि उनके पिता रामकिशन को 10 जनवरी 2025 को शर्मा ने स्टेंट डाला था, लेकिन अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई। इस तरह के कई मामलों ने मरीजों के परिजनों में आक्रोश पैदा किया है।
सेंटर की लापरवाही
यह मामला हार्ट केयर सेंटर की लापरवाही को भी उजागर करता है। पिछले साल विजिलेंस जांच के बाद सेंटर के कई डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद व्यवस्था और बिगड़ गई।
कानूनी कार्रवाई की मांग
अधिवक्ता संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय में भी शिकायत दर्ज की है, जिसमें फर्जी प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। सेंटर के चेयरमैन डॉ. प्रताप कुमार ने बताया कि शर्मा की डिग्री की जांच में असफल रहने के बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। यह घटना मरीजों के लिए एक चेतावनी है कि वे इलाज से पहले डॉक्टर की योग्यता और अस्पताल की विश्वसनीयता की जांच जरूर करें।