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फरीदाबाद में भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़, तीन दलाल गिरफ्तार

फरीदाबाद में भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें तीन दलालों को गिरफ्तार किया गया है। सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक महिला के माध्यम से स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसके बाद गिरोह के सदस्यों को रंगे हाथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई में ₹33,500 की नकदी भी बरामद की गई। जांच जारी है, जिसमें अल्ट्रासाउंड सेंटर के डॉक्टर की भूमिका की भी जांच की जाएगी। यह मामला समाज में भ्रूण लिंग जांच जैसे संवेदनशील अपराधों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
 

फरीदाबाद में भ्रूण लिंग जांच गिरोह का पर्दाफाश

फरीदाबाद अपराध: भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़, तीन दलाल गिरफ्तार: (फरीदाबाद भ्रूण लिंग जांच गिरोह) के खिलाफ सीएम फ्लाइंग और पलवल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। बल्लभगढ़ में सक्रिय इस गिरोह की जानकारी मिलने पर डिप्टी CMO डॉ. संजय शर्मा ने एक महिला को स्टिंग ऑपरेशन के लिए तैयार किया। महिला ने आरोपी राधेश्याम से संपर्क किया, जिसने भ्रूण लिंग जांच के लिए ₹35,000 की मांग की।


महिला को 2 अगस्त को अल्ट्रासाउंड के लिए बुलाया गया। राधेश्याम ने अपने साथी मोहित को भेजा, जिसने महिला को मोहना रोड पर स्थित संजीवनी अल्ट्रासाउंड एंड डायग्नोस्टिक सेंटर ले जाकर जांच करवाई। जांच के बाद दलाल ने महिला को भ्रूण लिंग की जानकारी दी।


मौके से ₹33,500 की नकदी बरामद


जैसे ही महिला ने टीम को सूचित किया, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंटर में छापा मारा और आवश्यक दस्तावेज जब्त किए। मोहित को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद टीम ने मनीष को पेट्रोल पंप से हिरासत में लिया। मुख्य आरोपी राधेश्याम को पैसे लेने के बहाने बुलाया गया और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।


आरोपियों ने अल्ट्रासाउंड से पहले महिला से ₹33,500 की राशि वसूल की थी, जिसे टीम ने बरामद कर लिया। फिलहाल तीनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।


अल्ट्रासाउंड सेंटर की भूमिका की जांच जारी


डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड सेंटर के डॉक्टर की भूमिका की जांच चल रही है। यदि जांच में डॉक्टर की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगी।


(फरीदाबाद गिरोह गिरफ्तार) की यह कार्रवाई भ्रूण लिंग जांच जैसे संवेदनशील अपराधों पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मामला समाज में जागरूकता और कानून के सख्त पालन की आवश्यकता को दर्शाता है।