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फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ने से रेनीवेल पर खतरा

फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब स्पष्ट हो रहा है, और लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। फसलें भी जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पेयजल सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी तैयारियां की जा रही हैं। जानें इस संकट का क्या असर होगा।
 

यमुना का जलस्तर बढ़ने का प्रभाव


  • तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी का प्रभाव फरीदाबाद में दिखाई दे रहा है


फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिसका असर अब फरीदाबाद में साफ नजर आ रहा है। दिल्ली के ओखला बैराज से भी 86,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे कई गांवों में फिर से जलभराव हो गया है। गांव बसंतपुर में जल स्तर बढ़ने के कारण लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे बसंतपुर के गांव में स्थिति गंभीर हो गई है।


गांव के सभी रास्तों पर जलभराव हो चुका है। लोग भारी संख्या में अपने घरों को खाली कर रहे हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश कर रहे हैं। लोग अपने जरूरी सामान के साथ पानी भरे रास्तों से निकल रहे हैं। गांव राजपुरा और चांदपुर के खेतों में भी जलभराव हो गया है, जबकि पहले पानी वापस चला गया था।


फसलें जलमग्न

हालांकि, रात के समय आए पानी से फसलें डूब गईं। सुबह जब किसान अपने खेतों पर पहुंचे, तो उन्हें जलभराव का सामना करना पड़ा। यमुना का जलस्तर बढ़ने से रेनीवेल को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। नदी का पानी कई रेनीवेल की चारदीवारी तक पहुंच चुका है। बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने की संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो पेयजल सप्लाई प्रभावित हो सकती है।


फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि पेयजल सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बुधवार को यमुना का जल स्तर यह तय करेगा कि क्या होगा। उल्लेखनीय है कि 2023 में बाढ़ के कारण सभी रेनीवेल जलमग्न हो गए थे और इन्हें कई दिन बाद चालू किया जा सका था।


एसडीओ का बयान

फिलहाल खतरा नहीं है : एसडीओ जितेंद्र सिंह


कई रेनीवेल की मशीनें खराब हो गई थीं। यमुना नदी के किनारे स्थित 22 रेनीवेल से लगभग 200 एमएलडी पानी शहर में सप्लाई होता है। मोठूका, घरोड़ा, मंझावली, कांवरा, भूपानी, ददसिया, कबूलपुर में रेनीवेल हैं। 150 से अधिक ट्यूबवेल से भी पानी आता है। प्राधिकरण के एसडीओ जितेंद्र सिंह ने कहा कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है। बुधवार और गुरुवार को यह तय होगा कि रेनीवेल को नुकसान होता है या नहीं।


हालांकि, रेनीवेल तक पानी पहुंच गया है लेकिन पेयजल सप्लाई अभी भी जारी है। सभी रेनीवेल पर जनरेटर रखे गए हैं और पांच से सात दिन के लिए पर्याप्त डीजल भी मौजूद है। यदि बाढ़ आती है, तो बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी और जनरेटर से रेनीवेल चालू रखे जाएंगे। शहर की पेयजल आपूर्ति प्रभावित नहीं होनी चाहिए, इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।